जातीय गणना के आकंड़ों को लेकर छिड़े सियासी घमासान के बीच लालू ने तोड़ी चुपी, कहा- कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा
पटना। बिहार सरकार की तरफ से जातीय गणना के आंकड़े सार्वजनिक करने के साथ ही इसको लेकर सियासी सग्राम छिड़ गया है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री और सत्ताधारी दल इसको लेकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं तो बीजेपी सहित कई नेता जातीय गणना के आंकड़ों को मनगढ़त, गलत बता रहे हैं। उनका आरोप है कि आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है। वही जातीय गणना के आंकड़ों को लेकर छिड़े सियासी संग्राम पर राजद सुप्रीमो लालू यादव ने चुपी तोड़ी है। RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद ने बीजेपी और उन तमाम विपक्षी दलों पर हमला बोला है जो जातीय गणना के आंकड़ों पर सवाल उठा रहे हैं। लालू ने कहा कि जातीय गणना का विरोध वही लोग कर रहे हैं जो इंसानियत, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बराबरी के ख़िलाफ है। ऐसे लोग किसी के साथ न्याय नहीं कर सकते हैं। लालू ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि, ‘जातिगत जनगणना के विरुद्ध जो भी लोग है वो इंसानियत, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बराबरी तथा समानुपातिक प्रतिनिधित्व के ख़िलाफ है। ऐसे लोगों में रत्तीभर भी न्यायिक चरित्र नहीं होता है।’ लालू प्रसाद आगे लिखते हैं, ‘किसी भी प्रकार की असमानता एवं गैरबराबरी के ऐसे समर्थक अन्यायी प्रवृत्ति के होते है जो जन्म से लेकर मृत्यु तक केवल और केवल जन्मजात जातीय श्रेष्ठता के आधार एवं दंभ पर दूसरों का हक खाकर अपनी कथित श्रेष्ठता को बरकरार रखना चाहते है’। अंत में उन्होंने लिखा, ‘कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा’।


