नीतीश कुमार के जीवन पर आधारित पुस्तक का पटना में 3 जुलाई को विमोचन करेंगे लालू यादव
- राजकमल प्रकाशन द्वारा किया जायेगा प्रकाशित, सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में होगा आयोजन
पटना। बिहार में दो सबसे बड़े नेताओं में लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की गिनती की जाती है। प्रदेश में सबसे ज्यादा समय तक सीएम रहने का रिकॉर्ड बना चुके नीतीश कुमार ने पिछले दिनों खत्म हुए विपक्षी एकता की बैठक कराकर यह साबित कर दिया है कि आज के समय में राजनीति में उनसे बेहतर कोई नहीं है। अब नीतीश कुमार के इस राजनीतिक सफर को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है। राजकमल प्रकाशन द्वारा आगामी 3 जुलाई को नीतीश कुमार के जीवन पर आधारित पुस्तक ”नीतीश कुमार: अंतरंग दोस्तों की नजर से” का विमोचन किया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि पुस्तक का विमोचन लालू प्रसाद द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम शाम 04:30 बजे से सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर, गांधी मैदान, पटना में आयोजित किया जाएगा। नीतीश कुमार: अंतरंग दोस्तों की नजर से न केवल नीतीश कुमार की जीवनी है, बल्कि यह मुन्ना बाबू की, ह्यनेताजीह्ण की और नीतीश जी से माननीय नीतीश कुमार बनने की भी कहानी है। यह कहानी उनके पचास वर्षों से भी ज्यादा समय से उनसे जुड़े अभिन्न मित्रों ने लिखी है। यह नीतीश कुमार की उस व्यक्तिगत-पारिवारिक छवि को पहली बार सामने लाती है जो उनके जगजाहिर सियासी जीवन के पीछे हमेशा ओझल रही है। नीतीश कुमार की जीवनी होने के साथ साथ यह आजादी के बाद के बिहार की राजनीति का सटीक लेखा-जोखा भी है। यह कहानी किसी भी उस आम आदमी की हो सकती है जिसके अन्दर कुछ अच्छा करने और करते रहने का जज्बा हो। इस जीवनी को लेखक उदय कांत ने लिखा है। जिन्होंने इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने कहा की “जब हम किसी विशिष्ट जननेता की जीवनी पढ़ते हैं तो उसमें ज्यादातर उनके राजनीतिक सफर की चर्चा होती है। लेकिन उससे हम उन लोगों, परिस्थितियों और उस मानसिकता के बारे में बहुत कम जान पाते हैं जिनके कारण वे आज किसी ऊँचाई पर पहुँच सके हैं। इस मामले में नीतीश कुमार की इस जीवनी का सुर कुछ अलहदा है। राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने कहा की यह जीवनी नीतीश कुमार के जीवन से जुड़े कई ऐसे अंतरंग पहलुओं को उजागर करती है, जो अब तक सार्वजनिक नहीं थे। यह एक प्रेरक और दिल को छू लेने वाली जीवनकथा है। बड़ी खुशी की बात है कि एक लोकप्रिय जननेता के रूप में प्रसिद्ध और बिहार के दूसरे सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नीतीश कुमार की जीवनी राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई है। राजकमल प्रकाशन से उनका बहुत पुराना नाता रहा है। वे अपने कॉलेज के दिनों में भी पुस्तकें खरीदने के लिए अक्सर पटना शाखा में आते थे।


