हम कभी भी महागठबंधन के साथ नही थे, हम हमेशा नीतीश कुमार के साथ थे : जीतनराम मांझी
- महागठबंधन छोड़ने पर बोले पूर्व मुख्यमंत्री, 23 जून के बाद सब देखेंगे की हम क्या करते हैं
पटना। पूर्व मंत्री संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बुधवार को कहा कि हम सब दिन कहां है कि हम महागठबंधन में नहीं है। हम केवल नीतीश कुमार के साथ थे। महागठबंधन में रहे या ना रहे जो कोई इस पर कुछ कहता है तो फालतू बोलता है। मांझी ने कहा कि ललन सिंह के कहने या न कहने से क्या होता है। देखिए यह आप लोग भूल जाते हैं, मालूम नहीं क्यों भूल जाते हैं। हम सब दिन कहां हैं कि हम महागठबंधन में नहीं है हम नीतीश कुमार के साथ थे तो नीतीश कुमार के साथ हम हटे हैं। महागठबंधन में हम रहे या ना रहे यह जो कहता है यह फालतू बात करता है। महागठबंधन में कब थे ? हम सब दिन कहा है कि हमको महागठबंधन से मतलब नहीं है हम नीतीश कुमार के साथ हैं। खुलकर या बातें हम बोले हैं आप लोग इतना जल्दी भूल क्यों जाते हैं। 23 के बाद आप लोग देखिएगा कि हम क्या करते हैं। मांझी ने कहा कि देखिए हम उनका सम्मान करते हैं, उनका जो भी इरादा रहा हो हमको उससे कोई मतलब नहीं है। लेकिन दुनिया के अब लोग समझ रहे हैं और साधारण शब्दों में क्या अर्थ होता है दुकान का लोग सब समझते हैं। ललन सिंह जी माफ करेंगे लेकिन खरीद-फरोख्त में वह लोग विश्वास करते हैं। उन लोगों ने शुरू से यही किया है। हम लोग कभी भी इन चीजों का समर्थन नहीं किए हैं। हम जनता के हित के लिए काम करते रहे हैं चाहे हम मुख्यमंत्री के रूप में ही क्यों ना रहे हैं। लेकिन अब पानी नाक से ऊपर बहने लगा तो हमने यह निर्णय लिया।
हमारी पार्टी किसी में मर्ज नहीं होगी : जीतनराम मांझी
मांझी ने कहा कि, मैं जहां भी गया जनता ने हमको इजाजत दिया कि अब नीतीश कुमार के साथ आपको नहीं रहना है जिसके बाद हमने यह फैसला लिया है। खास करके मर्ज करने को लेकर जो प्रस्ताव आया था उसका विरोध किया गया था। हमने शुरू से ही तय कर लिया है कि हमारी पार्टी किसी में मर्ज नहीं होगी हमारी पार्टी स्वतंत्र रूप से काम करेगा। इसके बाद भी वो लोग दवाब बनाते रहे इसके बाद कल संतोष सुमन ने इस्तीफा दिया। कभी नीतीश कुमार के साथ हमेशा रहने की कसमें खाने वाले हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी ने एक बार फिर उनसे अलग हो गए हैं। एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देशभर में भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने की मुहिम में जुटे हैं। ऐसे वक्त में बिहार सरकार के कैबिनेट से मांझी के बेटे का इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद बिहार की राजनीति काफी गर्म हो चुकी है। हालांकि, वे किधर जाएंगे ये अभी साफ नहीं है।


