पीयू में छात्रों पर पुलिस ने बरसाई लाठियां, एडमिट कार्ड जारी नहीं होने पर कर रहे थे प्रदर्शन

पटना। पीयू में बीकॉम सेकंड सेमेस्टर के छात्रों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। वही छात्रों का यह प्रदर्शन एडमिट कार्ड जारी नहीं करने के विरोध में किया जा रहा है। बताया जा रहा है की यूनिवर्सिटी में आज से सेकंड सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हुई है। जिसमे 150 के करीब छात्रों का एडमिट कार्ड जारी नहीं हुआ है। इसकी वजह से यह छात्र आज परीक्षा में नहीं बैठ पाए हैं। वही इसको लेकर छात्र सुबह से यूनिवर्सिटी में धरना दे रहे हैं और जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वही छात्रों का आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान उन्हें रोकने के लिए प्रशासन की ओर से लाठीचार्ज किया गया है। इनकी मांग है कि परीक्षा को री-शेड्यूल किया जाए। वही एडमिट कार्ड जारी करने के बाद परीक्षा लिया जाए। वही आक्रोशित छात्रों ने वाणिज्य महाविद्यालय के प्रिंसिपल के ऊपर भी छात्रों को परेशान करने एवं तानाशाही रवैया दिखाने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की। वही छात्रों के समर्थन में PWC की काउंसलर सलोनी राज ने कहा कि पीयू में छात्रों के साथ इंसाफ नहीं किया जा रहा है। आज 150 की संख्या में छात्र-छात्राएं यहां जूते है और साथ में लड़कियां भी जुटी है तो जरूर कोई वैलिड रीजन होगा। लेकिन, पीयू प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं हो रही है, उल्टा हमारे ऊपर लाठीचार्ज की जा रही है। क्योंकि, हमलोग नाइंसाफी के खिलाफ आवाज उठा रहे है। हम किसी भी मुद्दे पर आवाज उठाते हैं तो हमारे पीछे पुलिस लगा दी जाती है और बल का प्रयोग करके हमें रोकने की कोशिश की जाती है।
तानाशाही दिखाते हैं प्रिंसिपल
वही छात्र राहुल मिश्रा का कहना है की हमारे जो प्रिंसिपल है वाणिज्य महाविद्यालय के वह हमेशा तानाशाही दिखाते हैं। हम कोई भी समस्या लेकर जाते हैं तो वह कहते हैं कि तुम यहां से चले जाओ नहीं तो तुम्हारे ऊपर केस कर देंगे। साथी आज परीक्षा हो रही है लेकिन मेरा एडमिट कार्ड जारी नहीं किया गया है और मुझे परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। हमारे कॉलेज के वीसी सिर्फ एसी में बैठकर हवा खाते हैं लेकिन हमारी कोई बात नहीं सुनते। बता दे की विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इंटरनल परीक्षा में 150 के करीब बच्चें कुछ कारणों से नहीं बैठ पाए। वहीं, कई बच्चों का अटेंडेंस पूरा नहीं होने की वजह से उन का एडमिट कार्ड जारी नहीं किया गया। इसकी सूचना परीक्षा के 1 दिन पहले छात्रों को दिया जाता है कि वह परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे। वही इसको लेकर छात्र विरोध कर रहे हैं और इनका कहना है कि इंटरनल परीक्षा दोबारा आयोजित की जाए। साथ ही हमें विश्वविद्यालय की ओर से यह नहीं बताया गया कि इंटरनल परीक्षा देना अनिवार्य है। इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हमारे लिए कोई विकल्प निकाला जाए और आज हमारे एडमिट कार्ड जारी किया जाए और हमें परीक्षा में बैठने दिया जाए। अगर हम परीक्षा नहीं देंगे तो हमारा 1 वर्ष बर्बाद हो जाएगा।

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