क्षेत्रीय पार्टियों को ड्राइविंग सीट देकर विपक्षी एकता में कदम से कदम मिलाकर चले कांग्रेस : तेजस्वी यादव

- भाकपा माले के राष्ट्रीय अधिवेशन में नीतीश के बाद तेजस्वी ने भी उठाया विपक्षी एकता का मुद्दा, भाजपा पर कसा तंज
पटना। राजधानी पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में भाकपा माले के राष्ट्रीय अधिवेशन में आज तेजस्वी यादव ने विपक्षी एकता को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने क्षेत्रीय पार्टी के आधार पर कांग्रेस से अपील की है कि कांग्रेस राज्य में क्षेत्रीय पार्टियों को अपने साथ लेकर विपक्षी एकता की कवायद को तेज करें और उन्हें ड्राइविंग सीट देकर हमारी मुहिम में कदम से कदम मिलाकर चले तो भी बीजेपी का सफाया हो पाएगा। मंच से अधिवेशन को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को बड़ी नसीहत दे दी है। तेजस्वी ने कहा है कि बीजेपी के खिलाफ सभी दल एकजुट हो रहे हैं लेकिन कांग्रेस की तरफ से विपक्षी एकजुटता को लेकर पहल की जा रही है। तेजस्वी यादव ने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की सत्ता से बीजेपी को उखाड़ फेंकने के लिए सभी विपक्षी दल एकजुटता को तैयार हैं लेकिन कांग्रेस की तरफ से विपक्षी एकजुटता को लेकर ठोस पहल नहीं की जा रही है। तेजस्वी ने कांग्रेस से एकजुटता के लिए पहल करने की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस का जहां सीधा मुकाबला बीजेपी के साथ है वहां वह टक्कर ले लेकिन जिन जगहों पर दूसरे दल बीजेपी को टक्कर देने वाले हैं वहां रीजनल पार्टियों को ड्राइविंग सीट पर आने दे। तेजस्वी ने कहा कि विपक्षी एकजुटता के लिए कांग्रेस को अब देर नहीं करनी चाहिए। वहीं भाकपा माले के 11वें जनरल कन्वेंशन में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी के साथ रहने पर आप पर कितना भी दाग लगा होगा, वॉशिंग मशीन के अंदर साफ कर दिया जाएगा। आप सब लोग देश के संविधान को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। इसलिए हम आप सबको धन्यवाद देते हैं। बीजेपी के साथ रहने पर आप पर कितना भी दाग लगा होगा वाशिंग मशीन के अंदर साफ कर दिया जाएगा। आप सब लोग देश के संविधान को बचाने के लिए लड़ रहे हैं इसलिए हम आप सबको धन्यवाद देते हैं।
देश के बड़े नेताओं से मुलाकात कर नीतीश की विपक्षी एकता की मुहिम को आगे ले जा रहे तेजस्वी
बता दे की एनडीए से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टुकड़ों में बंटे विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम शुरू कर दी थी। इसी मुहिम के तहत नीतीश तीन दिनों तक दिल्ली प्रवास पर रहे थे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ साथ तमाम विपक्षी दलों के बड़े नेताओं से मुलाकात की थी। हालांकि सोनिया गांधी से लालू और नीतीश की मुलाकात की तस्वीरें सामने नहीं आने पर खूब राजनीति हुई थी। बीजेपी ने कहा था कि सोनिया गांधी ने बिना मुलाकात किए ही लालू और नीतीश को दरवाजे से ही लौटा दिया। इसके बाद से विपक्षी एकजुटता की मुहिम ठंडी पड़ती दिख रही थी हालांकि बीच बीच में एकजुटता को दिखाने के लिए नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात विपक्षी दलों के नेताओं से होती रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्षी एकजुटता की मुहिम ठंडी पड़ने के बाद तेजस्वी उस मुहिम को आगे बढ़ाने की कोशिश में जुटे हैं। कुछ महीने पहले शिवसेना उद्धव गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने पटना पहुंचने के बाद तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी और तेजस्वी की पहल पर आदित्य ठाकरे ने विपक्षी एकजुटता को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत की थी। पिछले दिनों रांची में तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी, उसके बाद रांची से पटना लौटने के दौरान तेजस्वी दिल्ली गए थे और वहां के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। वही इसके 1 दिन पहले तेजस्वी यादव ने कर्पूरी ठाकुर जयंती पर ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में बीबीसी के ऊपर की गई रेड पर भी केंद्र को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने कहा था की भाजपा केंद्रीय जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है और भारत को नाथूराम गोडसे का देश बनाने की कोशिश कर रही है। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि ऐसा कर केंद्र यह संदेश देना चाहता है कि जो कोई भी सरकार के खिलाफ बोलेगा, उससे निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि आप सभी जानते हैं कि बीबीसी के साथ क्या हुआ। गुजरात में क्या हुआ सब जानते हैं। वे महात्मा गांधी के देश को नाथूराम गोडसे का देश बनाना चाहते हैं। वे हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं लेकिन हमारी विविधता ही हमारी सुंदरता है।
