December 10, 2025

केंद्रीय मंत्री बोले- कोरोना काल में बिहार में 8.71 करोड़ लोगों को 58.81 लाख मैट्रिक टन अनाज का हुआ वितरण

* देशभर में 80 करोड़ लोगों के बीच 565 लाख मैट्रिक टन अनाज हुआ वितरित
* बिहार में 13 लाख मैट्रिक टन गोदाम और देश भर में 108 लाख मैट्रिक टन निर्माण के लिए दी गई अनुमति


पटना/हाजीपुर। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि कोरोना काल में बिहार में 8.71 करोड़ लोगों को 22800 करोड़ रूपए के 58.81 लाख मैट्रिक टन अनाज का वितरण हुआ। जबकि देशभर में 80 करोड़ लोगों के बीच 565 लाख मैट्रिक टन अनाज वितरित हुआ। श्री चौबे बुधवार को हाजीपुर में आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में गरीबों के बीच अनाज वितरण के दौरान अपने संबोधन में ये बातें कही। इस दौरान मंच पर एफसीआई के महाप्रबंधक संजीव भदानी, उपमहाप्रबंधक आनंद कुमार, लालगंज विधायक संजय सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रेम सिंह, सारण भाजपा अध्यक्ष रामदयाल शर्मा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत सरकार आज खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और 130 करोड़ के जनतंत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रयासरत है। इन्हीं प्रयासों के फलस्वरूप कोरोना महामारी के बावजूद किसान भाईयों से जहां रिकॉर्ड खरीद हुई, वहीं देश के 80 करोड़ जनता के बीच अभूतपूर्व परिमाण में अनाज वितरित भी हुआ। योजना के अंतर्गत 15 महीनों के लिए प्रत्येक लाभुकों को प्रतिमाह मुफ्त 5 किलोग्राम गेहूं-चावल आवंटित किया गया।


राज्यों के खाद्य रूचि के अनुसार अनाज का अनुपात निश्चित किया गया। बिहार राज्य में 2 किलो गेहूं और 3 किलो चावल दिया गया, वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में 5 किलो चावल ही दिया गया। इस योजना में 15 महीनों के लिए कुल 565 लाख मीट्रिक टन आवंटित हुआ। आवंटित अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरे भारतवर्ष में भारतीय खाद्य निगम के कर्मियों ने लगभग छह लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न का परिचालन किया। बिहार क्षेत्र में 22800 करोड रुपए के अनाज मंगवा कर आम जनता को वितरण किया गया, जिसका लाभ 8.71 करोड़ जनता को प्राप्त हुआ। वैशाली जिले में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लगभग 2.8 मीटर खाद्यान्न का वितरण किया।
उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट के अनुसार लागत के डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद हो रही है। बिचौलियों एवं फर्जीवाड़ा बंद करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी की सीधी खरीद की जा रही है एवं उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से सीधे पैसे भेजे जा रहे हैं ताकि समर्थन मूल्य के लाभ किसानों को मिल सके। हजारों अन्नदाता साहूकारी प्रणाली से मुक्ति पा रहे हैं। हम रिकॉर्ड खरीदारी कर रहे हैं।


उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में भारत सरकार ने बिहार सरकार के साथ निश्चय किया है कि यहां 30 लाख मैट्रिक टन चावल की अधिप्राप्ति की जाएगी, जिससे यहां की कुल वार्षिक आवंटन को पूरा किया जा सकेगा और बिहार आत्मनिर्भर बन पाएगा। श्री चौबे ने कहा कि खाद सुरक्षा को प्रबल करने के लिए बिहार में भारतीय खाद्य निगम की भंडारण क्षमता 2015 में जो 5.5 मैट्रिक टन बढ़कर 2020 में 10.5 कर दिया गया है। भंडारण में हम आधुनिक करण की ओर बढ़ रहे हैं। भारत के पहले राइस साइलो गोदाम कैमूर और बक्सर में बनाए जा रहे हैं, जिसे अगले 1 वर्ष के अंदर संचालन में लाया जाएगा। इसके अतिरिक्त बिहार राज्य में 13 लाख मैट्रिक टन गोदाम के निर्माण हेतु अनुमति प्रदान कर दिया गया है। अखिल भारतीय स्तर पर 108 लाख मैट्रिक टन निर्माण के लिए अनुमति दे दी गई है।

You may have missed