7 माह 5 दिन बाद इमरजेंसी छोड़ सभी तरह के मरीजों के लिये PATNA AIIMS में OPD शुरू
ओपीडी सेवाओं के शुरू होने के पहले दिन उमड़ी भीड़, 1,508 नए मरीजों का हुआ रजिस्ट्रेशन

फुलवारी शरीफ (अजीत)। बिहार के विभिन्न जिलों समेत यूपी-झारखंड तक से सस्ती और अत्याधुनिक तकनीकों से विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा इलाज कराने वाले मरीजों और उनके परिजनों के लिए पूरे सात महीने और पांच दिन बाद पटना एम्स अस्पताल में ओपीडी सेवाओं को पूर्ण रूप में बहाल कर दिया गया। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ दें तो हर तरह के मरीजों के इलाज के लिए पटना एम्स अस्पताल कोरोना से जंग जितने की भारी जद्दोजहद के बाद अब एक बार फिर से लोगों की इलाज के लिए तैयार हो गया। कोरोना मरीजों की मौत का आंकड़ें में भारी कमी और पॉजिटिव मरीजों के सामने आने में कमी के बाद एम्स ओपीडी पूर्ण रूप से शुरू होने के पहले ही दिन 1,508 नए मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
पहले दिन हर विभाग के मरीजों की भारी भीड़ उमड़ी
एम्स पटना के डायरेक्टर डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कई महीनों तक दिन-रात कोविड 19 संक्रमित मरीजों की जान बचाने, कोरोना संक्रमण को रोकने, कोरोना से बचाव के लिये जागरुक करते रहने के बाद अब एम्स पटना के ओपीडी सेवा को पूर्ण रूप से संचालित किये जाने के पहले दिन हर विभाग के मरीजों की भारी भीड़ उमड़ी है। इससे मरीज और उनके परिजन ही नहीं, बल्कि पूरा एम्स पटना के हर फैकल्टीज, चिकित्सक, अधिकारी और कर्मियों के लिये नई ऊर्जा का संचार लाया है। उन्होंने कहा कि एम्स अस्प्ताल में मरीजों को इलाज की सस्ती दर पर उच्च क्वालिटी को उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने आशा जताई की कोरोना संकट काल से उबरने के बाद अब नए रूप में फिर से जनता को हर तरह की चिकित्सा सेवाओं को प्रदान करने में आगे बढ़ता रहेगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि जल्द ही एम्स में इमरजेंसी सेवाओं को बहाल करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
वहीं एम्स के एमएस डॉ. सीएम सिंह, डीन डॉ. उमेश भदानी, नोडल कोरोना आफिसर सह एम्स पटना कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार सहित अन्य चिकित्सक भी ओपीडी सेवाओं को पूर्ण रूप से संचालन में जुटे रहे। डॉ. संजीव ने एम्स आने वाले लोगों से अपील की है कि एम्स में इलाज कराने आने में अब कोई परेशानी नहीं है, फिर भी कोरोना से बचाव के लिए जारी की गई गाइडलाईन को जरूर फॉलो करना होगा। एम्स डीन डॉ. उमेश भदानी ने कहा कि कोरोना से जो डर आमलोगों मरीजो में था, वह अब एम्स ओपीडी सेवा फूल फेज में शुरू होने से समाप्त हो गया है। लोगों को एम्स में इलाज कराने के लिए अब ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
21 मार्च को पटना एम्स में कोरोना वायरस से बिहार में हुई थी पहली मौत
गौरतलब हो कि बीते साल 21 मार्च को पटना एम्स में मुंगेर के रहने वाले युवक की मौत इलाज के दौरान कोरोना वायरस से हुई थी, जो कोरोना से बिहार में पहली मौत थी। इसके बाद 22 मार्च से सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते पूरे बिहार में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। पटना एम्स में भर्ती मुंगेर के चुरम्बा गांव निवासी युवक सैफ अली (38 वर्ष) ने पहले कोरोना मरीज के रूप में दम तोड़ा था। वह कतर से किडनी का इलाज कराकर 13 मार्च को पटना लौटा था। उसके बाद एम्स में एडमिट कराया गया था। कोरोना से पहली मौत के बाद सरकार और आमलोगों में हड़कंप मच गया था। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन लगाया था। इसके बाद एम्स पटना में धीरे-धीरे बढ़ते कोरोना मरीजों की तादाद को देखते हुए 10 जुलाई को ओपीडी, इमरजेंसी सहित सभी तरह की सेवाओं को बंद कर केवल कोविड 19 मरीजों के लिए ही अस्पताल संचालित किया जा रहा था। इस तरह पूरे सात माह पांच दिन के बाद पटना एम्स में पहले जैसा हर तरह के मरीजों के इलाज के लिए ओपीडी सेवा को शुरू कर दिया गया है। हालांकि केवल इमरजेंसी सेवाओं को अब तक शुरू नहीं किया जा सका है।

