बिहार से छह राज्यों के लिए चलेगी 500 नई बसें, पटना समेत कई जिलों से होगा परिचालन

पटना। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने राज्य के लोगों को एक बड़ी सौगात देने की तैयारी कर ली है। दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ जैसे प्रमुख त्योहारों से पहले बिहार से बाहर जाने वाले यात्रियों के लिए 500 नई बसों का संचालन किया जाएगा। ये बसें देश के छह प्रमुख राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हरियाणा के लिए चलाई जाएंगी।
त्योहारी सीजन में यात्रियों को बड़ी राहत
हर साल त्योहारों के दौरान लाखों लोग बिहार से बाहर कामकाज या रिश्तेदारों से मिलने के लिए सफर करते हैं। ऐसे में बस या ट्रेन की टिकट मिलना बेहद मुश्किल हो जाता है। परिवहन विभाग ने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। यह योजना खास तौर पर त्योहारों में यात्रियों की भीड़ और महंगी निजी यात्रा सेवाओं के विकल्प के रूप में लाई जा रही है।
अन्य राज्यों से मिली अनुमति, प्रक्रिया अंतिम चरण में
बिहार सरकार को इस योजना के लिए छह राज्यों के परिवहन विभाग से मंजूरी मिल चुकी है। अब सचिव स्तर पर अंतिम अनुबंध की प्रक्रिया चल रही है। निगम का उद्देश्य है कि सभी जरूरी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएं ताकि समय पर बस सेवाएं शुरू की जा सकें। परमिट जारी करने की प्रक्रिया भी साथ-साथ की जा रही है।
प्रमुख शहरों से बसों का संचालन
500 नई बसों का संचालन बिहार के प्रमुख प्रमंडलीय मुख्यालयों से किया जाएगा। इनमें पटना, गया, भागलपुर, दरभंगा, पूर्णिया और मुजफ्फरपुर शामिल हैं। इन सभी स्थानों से बसें प्रतिदिन निर्धारित समय पर चलेंगी और यात्रियों को दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, जयपुर, चंडीगढ़ जैसे शहरों तक सीधी सेवा प्रदान करेंगी।
पीपीपी मॉडल से भी जुड़ी योजना
सिर्फ सरकारी बसों से ही नहीं, बल्कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत भी बसें चलाई जाएंगी। इसके तहत निजी बस मालिकों को परिवहन निगम की ओर से 20 लाख रुपये तक का अनुदान भी दिया जाएगा। यह पहल निजी क्षेत्र को भी जोड़ने की कोशिश है ताकि ज्यादा से ज्यादा बसें चलाई जा सकें और यात्री सुविधाओं में कोई कमी न हो।
लाखों यात्रियों को होगा फायदा
एक सर्वेक्षण के मुताबिक हर साल करीब तीन से सात लाख यात्री बिहार से अन्य राज्यों की ओर बसों से यात्रा करते हैं। अभी तक उन्हें पहले किसी राजधानी शहर तक ट्रेन से जाना पड़ता है, और फिर वहां से बस पकड़नी पड़ती है। इस नई व्यवस्था से यात्री सीधे अपने शहर से ही गंतव्य तक बस सेवा का लाभ ले सकेंगे, जिससे समय और पैसा दोनों की बचत होगी।
विस्तृत अध्ययन के बाद हुआ फैसला
बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के अधिकारियों ने इस योजना को अमल में लाने से पहले महीनों तक विभिन्न राज्यों के रूटों का विस्तृत अध्ययन किया। यात्रियों की संख्या, मांग, संभावित लाभ और सेवा की उपयोगिता को ध्यान में रखकर निर्णय लिया गया। अधिकारियों के अनुसार यह निर्णय केवल अनुमान पर नहीं, बल्कि पूरी तरह से व्यावहारिक अध्ययन और आंकड़ों पर आधारित है। बिहार सरकार का यह कदम यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा, खासकर त्योहारों के समय जब यातायात का दबाव बढ़ जाता है। 500 नई बसों की शुरुआत से न केवल यात्रा करना आसान होगा, बल्कि आम लोगों को निजी बस ऑपरेटरों की मनमानी से भी मुक्ति मिलेगी। यह पहल बिहार में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है, जिससे राज्य और अन्य राज्यों के बीच आवागमन बेहतर और सुगम हो सकेगा।
