December 5, 2025

5 अप्रैल 2016 को बिहार में शराबबंदी के बाद हुई थी गोपालगंज जहरीली शराब कांड, 9 दोषियों को फांसी की सजा, चार महिलाओं को आजीवन कारावास

file photo

गोपालगंज। बिहार में शराबबंदी के बाद हुई बहुचर्चित गोपालगंज जहरीली शराब कांड मामले में बड़ा फैसला आया है। मामले में पांच साल तक कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं और आज अदालत ने 13 में से नौ दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। जबकि चार महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। पांच साल तक चले मुकदमे के बाद बीते 26 फरवरी को 14 में से 13 लोगों को दोषी ठहरा दिया गया था और आज उन्हें सजा सुनाई गई। बता दें अगस्त 2016 को गोपालगंज नगर थाना क्षेत्र के खजुरबानी में हुए शराब कांड में 19 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि छह लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी थी। इस बड़े कांड से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी। नीतीश सरकार पर विपक्ष पूरी तरह से हमलावर हो गया था।
शुक्रवार को इस मामले में फैसला एडीजे-2 लवकुश कुमार की अदालत ने सुनाई है। फैसला आने के बाद दोषियों के परिजन अदालत परिसर में रोने लगे, तो कुछ लोगों ने हंगामा करने की कोशिश भी की। दोषियों के वकीलों का कहना है कि वे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
शराब पर पूर्ण बैन के बाद हुई थी घटना
सनद रहे कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 को शराब पर पूर्ण बैन लगने के बाद यह बड़ी घटना चार माह बाद सामने आयी थी, जिससे नीतीश सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। अगस्त 2016 में गोपालगंज में खजुरबानी जहरीली शराब कांड में 19 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि छह लोगों की आंखों की रोशनी चली गयी थी। इस घटना के बाद 16 और 17 अगस्त 2016 को गोपालगंज नगर थाना के वार्ड नंबर 25 खजुरबानी में पुलिस ने भारी मात्रा में जहरीली शराब बरामद की थी। इसमें 14 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। लेकिन एक अभियुक्त ग्रहण पासी की मौत हो जाने के कारण 13 अभियुक्त के विरुद्ध ट्रायल चल रहा था।
26 फरवरी को 13 आरोपितों को दोषी करार दिया था
बड़े पैमाने पर शराब बरामदगी के बाद नगर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष बीपी आलोक के बयान पर इसी थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी। इसमें खजुरबानी वार्ड नंबर 25 निवासी छठू पासी, कन्हैया पासी, लालबाबू पासी, राजेश पासी, लालझरी देवी, कैलाशो देवी, नगीना पासी, सनोज पासी, रीता देवी, संजय चौधरी, रंजय चौधरी, मुन्ना चौधरी, इंदु देवी तथा ग्रहण पासी को नामजद आरोपित बनाया गया था। पुलिस द्वारा चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद मामले की सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई के दौरान ही एक आरोपित ग्रहण पासी की मौत हो गई। पांच साल चली सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूतों के आधार पर विशेष न्यायालय उत्पाद ने 26 फरवरी को 13 आरोपितों को दोषी करार दिया था। इस मामले में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक उत्पाद रविभूषण श्रीवास्तव तथा बचाव पक्ष से वेद प्रकाश तिवारी, विनय तिवारी तथा रामनाथ साहू ने कोर्ट में बहस की। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल सात गवाहों को पेश किया था।
पुलिस की कार्रवाई से हुई मौत की पुष्टि
गोपालगंज के खजुरबानी मोहल्ले में 15 अगस्त 2016 की रात जहरीली शराब पीने के बाद अचानक लोगों की तबीयत खराब होने लगी। 16 अगस्त की सुबह तक कई लोगों की मौत हो गई और शाम होते-होते कुल 19 लोग मौत के आगोश में हमेशा के लिए सो गए। घटना में करीब आधा दर्जन लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी थी। जब जहरीली शराब कांड पर हंगामा मचा तो पुलिस जागी और 16-17 अगस्त 2016 को छापामारी कर बड़ी मात्रा में शराब बरामद की। पुलिस की कार्रवाई से इस बात की पुष्टि हुई कि इसी मोहल्ले में शराब पीने से लोगों की मौत हुई। नगर थाने में पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
बर्खास्त हो गया था पूरा थाना
गोपालगंज में नगर थाना से सटे खजुरबानी कांड के बाद नगर थाना के सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। बाद में बिहार सरकार ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया। हालांकि पुलिसकर्मियों के बर्खास्तगी आदेश को चार फरवरी 2021 को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है।

You may have missed