देश में 3961 में कोरोना के सक्रिय मामले, अबतक 32 की मौत, सतर्क रहने की जरूरत

नई दिल्ली। भारत में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं। हालांकि यह वृद्धि पहले जैसी गंभीर नहीं है, लेकिन इसके बावजूद हालातों को नजरअंदाज करना खतरे से खाली नहीं है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2 जून को सुबह 8 बजे तक देश में कोरोना के कुल सक्रिय मामलों की संख्या 3961 तक पहुंच चुकी है। बीते 24 घंटे में ही 203 नए सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जो संक्रमण के बढ़ते रुझान की ओर संकेत करता है।
मौतों का आंकड़ा भी बढ़ा
साल 2025 में अब तक कोरोना संक्रमण के कारण 32 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से चार मौतें बीते 24 घंटे के भीतर दर्ज की गई हैं। यह संख्या भले ही कम लग सकती है, लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि हर एक जान कीमती होती है। सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ओर से यह लगातार अपील की जा रही है कि लोग सावधानी बरतें और लक्षण नजर आते ही टेस्ट कराएं।
राज्यों में बढ़ती सक्रियता
कोरोना के मामलों में वृद्धि के साथ राज्य सरकारें भी सतर्क हो गई हैं। कई राज्यों ने अपने अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट मोड पर रखा है। जांच और ट्रैकिंग की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है, खासकर उन इलाकों में जहां संक्रमण के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि स्थिति को शुरुआती स्तर पर ही नियंत्रित किया जाए, ताकि किसी भी तरह की गंभीर लहर को रोका जा सके।
क्या है इस बार की लहर में अलग
इस बार कोरोना संक्रमण की गंभीरता उतनी नहीं है जितनी पहले की लहरों में देखने को मिली थी। अधिकतर मामलों में मरीजों को हल्के लक्षण जैसे खांसी, जुकाम, हल्का बुखार या थकान महसूस हो रही है। अस्पताल में भर्ती होने की दर भी अभी कम है। लेकिन खासतौर से बुजुर्गों, पहले से बीमार व्यक्तियों और कम इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए यह वायरस अब भी खतरनाक साबित हो सकता है।
सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, बल्कि यह वायरस समय-समय पर अलग-अलग रूपों में सामने आता रहेगा। इसलिए सावधानी में ही समझदारी है। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना, हाथों को नियमित रूप से सैनिटाइज करना, भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचना, और समय पर वैक्सीन की बूस्टर डोज लेना आज भी जरूरी बना हुआ है।
सरकार की तैयारियाँ और दिशा-निर्देश
सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाए रखें और कोरोना से जुड़ी किसी भी सूचना को गंभीरता से लें। जरूरत पड़ने पर अस्पतालों में कोविड बेड, ऑक्सीजन, और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, आम लोगों को जागरूक करने के लिए फिर से प्रचार-प्रसार शुरू किया गया है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन यदि संक्रमण की रफ्तार ऐसे ही बढ़ती रही तो सरकार को और सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं। जरूरी है कि हम सभी मिलकर इस चुनौती का सामना करें और लापरवाही से बचें।

You may have missed