29 वर्ष बाद आयी है ऐसा संयोग, बहनें भद्रा के बाद पूरे दिन भाई के कलाई पर बांधेंगी राखी

सावन की अंतिम सोमवारी व सर्वार्थ सिद्धि योग में मनेगी रक्षाबंधन


पटना। सनातन धर्मावलंबियों के पंचांगीय गणना के अनुसार सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। सोमवार को सावन की पूर्णिमा, पवित्र सावन मास का अंतिम दिन, सोमवती पूर्णिमा के साथ भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन पर कई शुभ योग बन रहे है। रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि योग नामक बहुत ही शुभ योग है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस योग में किया गया कोई भी शुभ कार्य बहुत जल्द सिद्ध होता है। कल रक्षाबंधन पर भद्रा प्रात: 8 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। इसके बाद पूरे दिन राखी बांधी जाएगी।
शुभ योगों के बीच बंधेगी राखी
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि सोमवार को सावन पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग होने से रक्षाबंधन पर भाई और बहन दोनों की मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और उनके बीच प्रेम प्रगाढ़ होंगे। वहीं आयुष्मान योग में भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधने से रिश्तों में अडिगता के साथ दोनों दीर्घायु भी होंगे। सोमवार के साथ चंद्र का अपना श्रवण नक्षत्र भी मौजूद है। वहीं इस बार मकर राशि का स्वामी शनि और सूर्य भी आपस में समसप्तक योग बना रहे हैं। इसके अलावे प्रीति योग, आयुष्मान योग के साथ व सर्वार्थ सिद्धि योग भी पड़ रहे हैं। इस तरह का संयोग पूरे 29 वर्ष बाद आयी है।
पूर्णिमा को शिव कैलाश की ओर करते हैं प्रस्थान
श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के साथ सोमवती पूर्णिमा भी है। हर महीने की पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा के साथ कथा सुनी जाती है। सावन पूर्णिमा के दिन जब चन्द्र अपनी संपूर्ण कलाओं और सहस्रों शीतल रश्मियों से संसार को आच्छादित कर देते हैं तथा मां महालक्ष्मी पाताल लोक के राजा बलि के यहां उनको रक्षासूत्र बांधकर अपने पति श्रीहरि विष्णु को मुक्त करा लेती हैं तब भगवान शिव, मां शक्ति और गणों के साथ कैलाश पर्वत की ओर प्रस्थान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि सावन मास में भोलेनाथ पृथ्वी लोक पर अपने ससुराल आते हैं और पूर्णिमा को अपने लोक को चले जाते हैं।
परमपिता परमेश्वर को बांधे राखी
पंडित झा ने कहा कि कोरोना काल में रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए बहुत से भाई-बहन को मिलना संभव नहीं है। इसके लिए बहनें परमपिता परमेश्वर भगवान श्रीकृष्ण को अपना भाई मानकर उन्हें राखी भेंट कर एक-दूसरे की सलामती हेतु प्रार्थना करें। इसके लिए स्नान आदि से निवृत होकर पूजन की थाली सजा भगवान कृष्ण, महादेव, हनुमान, गणेश आदि के समक्ष राखी रख कर अपने इष्ट का ध्यान कर भाई के नाम से रक्षाबंधन अर्पित करें। इससे आपका रक्षाबंधन का त्योहार देव तुल्य होगा और पुण्यफल की प्राप्ति भी होगी।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त : सुबह 08:28 बजे से 10:30 बजे तक
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 11:29 बजे से 12:22 बजे तक
गुली काल मुहूर्त : दोपहर 01:35 बजे से 03:14 बजे तक

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