November 17, 2025

कैबिनेट की बैठक में 26 एजेंडों पर मुहर: पटना में बनेगा जीविका का मुख्यालय, 176 थानों में लगेंगे नए सीसीटीवी कैमरे, हर पंचायत में बनेगा विवाह मंडप

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में 26 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में ऐसे फैसले लिए गए, जिनका सीधा असर राज्य की जनता के जीवन, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास कार्यों पर पड़ेगा। इसमें सबसे अहम फैसला पटना में जीविका का मुख्यालय बनाने, हर पंचायत में विवाह मंडप निर्माण, नए पदों की स्वीकृति और थानों में सीसीटीवी लगाने से जुड़ा है। बैठक में मुख्यमंत्री के साथ सभी मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। चर्चा के बाद तय किए गए प्रस्तावों में कई ऐसे निर्णय शामिल हैं, जिन्हें जनता के लिए बड़ी राहत और विकास की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
पटना में बनेगा जीविका मुख्यालय
कैबिनेट ने पटना में जीविका मुख्यालय भवन बनाने की मंजूरी दी है। इसके निर्माण पर 73 करोड़ 66 लाख 15 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। इस भवन के बनने से राज्यभर के जीविका समूहों को एकीकृत प्लेटफॉर्म मिलेगा और ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण से जुड़े कामों को मजबूती मिलेगी।
176 थानों में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
राज्य के कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए 176 नए थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया गया है। इसके लिए कैबिनेट ने 280 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी। सरकार का मानना है कि इससे अपराध नियंत्रण और जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
हर पंचायत में बनेगा विवाह मंडप
मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना के तहत राज्य के 8053 पंचायतों में विवाह मंडप बनाने का फैसला किया गया है। इसके लिए 50 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई। इसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में सामुदायिक आयोजनों, विवाह और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना है।
नए रोजगार अवसर – 3303 राजस्व कर्मचारी पदों को मंजूरी
बैठक में रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा फैसला लिया गया। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में कामकाज को सुचारु करने के लिए 3303 अतिरिक्त राजस्व कर्मचारी पद सृजित किए जाएंगे। इससे न केवल प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
गन्ना और मत्स्य विभाग में नई नियमावली
गन्ना उद्योग विभाग में बिहार ईंख पर्यवेक्षक संवर्ग (भर्ती, प्रोन्नति एवं सेवा शर्त) नियमावली 2025 को स्वीकृति मिली। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग में भर्ती नियमावली 2025 (संशोधित) को मंजूरी दी गई। इन निर्णयों से विभागों में पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लागू होगी और कार्यसंस्कृति बेहतर होगी।
गोवंश संरक्षण योजना
बैठक में ‘बिहार जीविका गोधन संरक्षण एवं प्रबंधन योजना’ को भी स्वीकृति दी गई। इसके तहत राज्य के सभी प्रखंडों में जीविका समूहों के जरिए बेसहारा गोवंश का संरक्षण किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य पशुओं को आश्रय देना और ग्रामीण महिलाओं को गोधन प्रबंधन से जुड़कर आय का साधन उपलब्ध कराना है।
भूमि अधिग्रहण और बुनियादी ढांचा विकास
मुंगेर जिले के असरगंज अंचल में 466.49 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जाएगी। यहां बुनियादी ढांचा विकास का काम किया जाएगा, जिस पर लगभग 124 करोड़ 62 लाख 50 हजार रुपए खर्च होंगे।
खाद्यान्न भंडारण एवं प्रशिक्षण संस्थान
पटना में बिहार खाद्यान्न भंडारण प्रबंधन और प्रशिक्षण संस्थान (BIGSMT) की स्थापना होगी। यहां अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण और दक्षता उन्मुखीकरण दिया जाएगा। इसके लिए 4 करोड़ 64 लाख 94 हजार 396 रुपए वार्षिक खर्च स्वीकृत हुआ है।
एनएबीएल मानक की लैब
राज्य में अब एनएबीएल मानक की लैब तैयार की जाएगी। इससे स्वास्थ्य सेवाओं और परीक्षण प्रणाली में गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।
सिंचाई परियोजना को मिली स्वीकृति
जहानाबाद जिले के उदेरास्थान बराज और नहर प्रणाली के आधुनिकीकरण से जुड़े मामले में कंपनी और सरकार के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। अब इस विवाद का समाधान निकालते हुए 651 करोड़ 13 लाख रुपए की संशोधित राशि स्वीकृत की गई। इस राशि से परियोजना का काम पूरा किया जाएगा।
बिजली बिल भुगतान के लिए राशि
राज्य के नगर निकायों के बकाया बिजली बिल भुगतान के लिए सरकार ने 400 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की। इससे शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की दिक्कतें दूर करने में मदद मिलेगी।
पिछली कैबिनेट बैठक के फैसले
गौरतलब है कि इससे पहले हुई कैबिनेट बैठक में 49 एजेंडों पर मुहर लगी थी। उस बैठक में भी सरकार ने कई बड़े निर्णय लिए थे। नए पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का रास्ता साफ किया गया। 30 हजार होमगार्ड जवानों का डेली भत्ता 774 रुपए से बढ़ाकर 1121 रुपए कर दिया गया। पहले उन्हें महीने में 23,220 रुपए मिलते थे, जो अब बढ़कर 33,630 रुपए हो गया। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका का मानदेय भी बढ़ाया गया। सेविका का मानदेय 7000 से 9000 रुपए और सहायिका का मानदेय 4000 से 4500 रुपए कर दिया गया। इसके लिए सरकार पर सालाना 345 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। नया मानदेय 1 सितंबर से लागू होगा।
जनता पर होगा सीधा असर
नीतीश सरकार के इन फैसलों से साफ है कि सरकार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने पर जोर दे रही है। विवाह मंडप योजना से ग्रामीणों को सामुदायिक सुविधाएं मिलेंगी। जीविका मुख्यालय और गोधन संरक्षण योजना से ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। सीसीटीवी कैमरे लगाने से अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी। नए पदों के सृजन से बेरोजगार युवाओं के लिए नौकरी के अवसर पैदा होंगे। बिहार कैबिनेट की इस बैठक को आगामी चुनावी वर्ष से भी जोड़कर देखा जा रहा है। लगातार हो रही बैठकों में नई भर्तियों, मानदेय वृद्धि और कल्याणकारी योजनाओं को मंजूरी देकर सरकार यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि वह जनता और रोजगार के मुद्दे पर गंभीर है। राज्य के विशेषज्ञों का मानना है कि इन फैसलों का सीधा असर आम लोगों की जिंदगी पर होगा। खासकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं, बेरोजगार युवा और किसान इन योजनाओं से लाभान्वित होंगे।

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