कैबिनेट की बैठक में 24 एजेंडों की मंजूरी: अयोध्या की तरह विकसित होगा पुनेरा धाम, 883 करोड़ मंजूर

  • बिहार के कलाकारों को तीन हज़ार पेंशन, कोलकाता की सरस्वती प्रेस छापेगी मतपत्र

पटना। बिहार सरकार की कैबिनेट की अहम बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में कुल 24 एजेंडों को मंजूरी दी गई। इनमें कई योजनाएं सामाजिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। सबसे बड़ी घोषणा सीतामढ़ी जिले के पुनौराधाम को अयोध्या की तरह विकसित करने की रही, जिसके लिए सरकार ने भारी भरकम बजट मंजूर किया है। साथ ही बिहार के कलाकारों के लिए पेंशन योजना की स्वीकृति और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को भी अंतिम रूप दिया गया।
पुनौराधाम के विकास के लिए 883 करोड़ मंजूर
कैबिनेट बैठक का सबसे बड़ा फैसला पुनौराधाम के विकास से जुड़ा रहा। सरकार ने सीतामढ़ी जिले स्थित इस धार्मिक स्थल को अयोध्या की तर्ज पर विकसित करने की योजना को स्वीकृति दी है। इसके लिए लगभग 883 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। योजना के तहत यहां श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं, धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण, पर्यटन को बढ़ावा देने वाली संरचनाएं और अन्य आधारभूत ढांचे तैयार किए जाएंगे। सरकार ने इसके वित्तीय प्रबंधन, निर्माण प्रक्रिया और संचालन से जुड़ी व्यवस्था की भी रूपरेखा तय कर ली है।
पुनौराधाम का धार्मिक महत्व
पुनौराधाम को माता सीता के जन्मस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह स्थान धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन अब तक अपेक्षित विकास से वंचित रहा है। सरकार की इस पहल का उद्देश्य इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलाना है।
कलाकारों के लिए मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना
बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय बिहार के कलाकारों के कल्याण से जुड़ा रहा। सरकार ने मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना को मंजूरी दी है। इसके अंतर्गत राज्य के पंजीकृत कलाकारों को 3 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। यह फैसला उन कलाकारों के लिए राहत का कारण बनेगा, जो वृद्धावस्था या आर्थिक तंगी के चलते कठिन जीवन जी रहे हैं। इस योजना का लाभ पारंपरिक, लोक, रंगमंच, संगीत, चित्रकला और शिल्प जैसे विविध कला क्षेत्रों से जुड़े लोगों को मिलेगा।
विधानसभा चुनाव के लिए सरस्वती प्रेस में छपेंगे मतपत्र
बिहार में वर्ष 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भी बैठक में बड़ा निर्णय लिया गया। सरकार ने चुनाव में इस्तेमाल होने वाले मतपत्रों की छपाई के लिए कोलकाता स्थित सरकारी प्रेस ‘सरस्वती प्रेस लिमिटेड’ को अधिकृत किया है। यह निर्णय बिहार वित्त नियमावली 2024 के नियम 131द के तहत लिया गया है। इससे चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और गोपनीयता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
अन्य प्रस्तावों पर भी मुहर
बैठक में कुछ अन्य विभागीय प्रस्तावों को भी स्वीकृति मिली, जिनमें विभिन्न जिलों में आधारभूत ढांचे के विकास, प्रशासनिक पुनर्गठन, कुछ विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती और ग्रामीण योजनाओं की मंजूरी जैसे मुद्दे शामिल रहे।
किसानों को बड़ी राहत, प्राकृतिक खेती से लेकर प्रशिक्षण तक कई योजनाओं को मिली मंजूरी**
बिहार सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाते हुए कृषि से संबंधित कई योजनाओं को वित्तीय मंजूरी दी है। इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, मृदा स्वास्थ्य सुधारना, प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों की दक्षता बढ़ाना और कृषि प्रबंधन को सुदृढ़ बनाना है। इसके लिए सरकार ने कुल 188 करोड़ 85 लाख रुपये की राशि खर्च करने की स्वीकृति प्रदान की है।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 36 करोड़ की स्वीकृति
राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए नेचुरल फार्मिंग योजना (प्राकृतिक खेती) पर 36 करोड़ 35 लाख रुपये खर्च करने की मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के बिना खेती को बढ़ावा देना है, जिससे भूमि की उर्वरता बनी रहे और किसानों की आय में दीर्घकालिक वृद्धि हो सके। यह योजना न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिहाज से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
कृषि प्रबंधन संस्थाओं को 81 करोड़ की वित्तीय सहायता
कृषि विस्तार योजना के तहत बामेती (बिहार कृषि प्रबंधन और प्रसार प्रशिक्षण संस्थान) और आत्मा (जिला स्तर की कृषि प्रबंधन संस्था) को उनके वेतन, मानदेय और प्रशासनिक खर्च के लिए 80 करोड़ 99 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यह राशि चौथे कृषि रोडमैप के तहत दी गई है, जो राज्य में कृषि सुधार और विस्तार का दीर्घकालिक दृष्टिकोण है।
मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए 30 करोड़ की योजना
सरकार ने मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता योजना के अंतर्गत मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, जैव उर्वरक प्रयोगशालाएं तैयार करने और पहले से मौजूद मिट्टी परीक्षण केंद्रों के आधुनिकीकरण के लिए 30 करोड़ 49 लाख रुपये की मंजूरी दी है। इसके माध्यम से किसानों को उनके खेत की मिट्टी की जांच रिपोर्ट समय पर मिल सकेगी, जिससे वे उपयुक्त उर्वरक और फसल का चयन कर सकेंगे।
कृषि प्रशिक्षण और भ्रमण के लिए 41 करोड़ की राशि
कृषि प्रशिक्षण योजना के तहत बामेती और आत्मा संस्थाओं को किसानों के लिए प्रशिक्षण, खेत भ्रमण और संपर्क कक्षाएं संचालित करने के लिए 41 करोड़ 2 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को नई कृषि तकनीकों, मौसम आधारित फसल योजना और बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन की जानकारी देना है।
कृषि विकास को मिलेगा नया आयाम
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार द्वारा स्वीकृत इन योजनाओं से राज्य में कृषि क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी। प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन से जहां पर्यावरण संतुलन कायम होगा, वहीं मृदा परीक्षण से उत्पादकता बढ़ेगी और प्रशिक्षण के माध्यम से किसान नवाचार को अपनाने में सक्षम होंगे।
सरकार का उद्देश्य – आत्मनिर्भर किसान, समृद्ध बिहार
इन योजनाओं को मंजूरी देने के पीछे सरकार का उद्देश्य राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और कृषि को लाभकारी व्यवसाय में बदलना है। मुख्यमंत्री द्वारा पहले ही यह घोषणा की जा चुकी है कि बिहार को “हरित राज्य” बनाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों और तकनीक का समुचित उपयोग किया जाएगा।
पिछली बैठक में 46 एजेंडों पर लगी थी मुहर
नीतीश कैबिनेट की पिछली बैठक 24 जून को हुई थी, जिसमें कुल 46 एजेंडों पर मुहर लगी थी। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवार की बेटियों के विवाह कार्यक्रम में सुविधा के लिए करीब 8000 पंचायतों में विवाह भवन का निर्माण कराने का फैसला लिया था। सरकार ने कैबिनेट की बैठक में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना’ की मंजूरी दे दी थी।
सांस्कृतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में नई पहल
इस बैठक से स्पष्ट संकेत मिलता है कि बिहार सरकार धार्मिक पर्यटन, कला-संस्कृति और प्रशासनिक सुधारों को प्राथमिकता दे रही है। पुनौराधाम के विकास से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं कलाकारों के लिए पेंशन योजना उनके सामाजिक सुरक्षा कवच को मजबूत करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में हुई इस कैबिनेट बैठक के फैसले राज्य के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं। पुनौराधाम को नई पहचान मिलना, कलाकारों को पेंशन जैसी सुविधाएं और चुनावों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाए गए कदम आने वाले समय में बिहार की तस्वीर को बदलने में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

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