November 20, 2025

वायनाड में भूस्खलन से 41 लोगों की मौत, राहत और बचाव कार्य जारी, सेना ने संभाला मोर्चा

वायनाड। केरल के वायनाड में सोमवार देर रात से जारी भारी बारिश मंगलवार तड़के आफत बनकर बरसी। बड़े पैमाने पर भूस्खलन होने के चलते 41 लोगों की मौत हो गई, जबकि 70 लोग बुरी तरह से जख्मी हुए हैं। हादसा इतना बड़ा था कि राज्य सरकार के आग्रह पर सेना को भी मौके पर भेजा गया है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस आपदा के चलते अपने मनोरम दृश्यों के लिए मशहूर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों की तस्वीर बदल गई है और अन्य हिस्सों से उनका संपर्क टूट गया है। राज्य के वन मंत्री एके ससींद्रन ने कहा, ‘हालात गंभीर हैं। सरकार ने सभी एजेंसियों को बचाव कार्य में लगा दिया है।’ इस भूस्खलन के चलते कई सड़कें कट गई है और एक पुल ध्वस्त हो गया है। वायनाड में कुल 3 जगहों पर भारी भूस्खलन हुए हैं, जिनमें सैकड़ों लोगों के दबने का डर है। सेना भी बचाव में जुटी है, लेकिन मुश्किल की स्थिति यह है कि आज भी बारिश जारी है। अनुमान है कि आज बारिश और अधिक होने की संभावना है। ऐसे में बचाव कार्य में देरी हो रही है। बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं के बाद तबाह हुए मकान, उफनती नदियां और उखड़े हुए पेड़ों के दृश्य दिख रहे हैं। बाढ़ के पानी में बहे वाहनों को कई स्थानों पर पेड़ों की टहनियों में फंसे और यहां-वहां डूबे हुए देखा जा सकता है। उफनती नदियों ने अपना मार्ग बदल लिया है और वे रिहायशी इलाकों में बह रही हैं, जिससे और विनाश हो रहा है। पहाड़ियों से लुढ़कते बड़े-बड़े पत्थर बचावकर्मियों के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे हैं। बचाव कार्यों में जुटे लोगों को भारी बारिश के बीच शवों और घायलों को एम्बुलेंस तक ले जाते हुए देखा जा सकता है। भूस्खलन की घटनाओं के कारण बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं और बाढ़ के पानी ने हरे-भरे क्षेत्रों को नष्ट कर दिया है। प्राधिकारियों ने बताया कि वायनाड जिले में भूस्खलन के कारण तीन बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो गई है। वायनाड जिला प्राधिकारियों के अनुसार, एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत चूरलमाला शहर में हुई, जबकि थोंडरनाड गांव में एक नेपाली परिवार के एक वर्षीय बच्चे की जान जाने की खबर है। इसके अलावा, पांच वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों के शव पोथुकल गांव के पास एक नदी के किनारे से बरामद किए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं। प्रभावित इलाकों के लोगों ने सैकड़ों लोगों के भूस्खलन के मलबे में दबे होने की जानकारी दी है। अधिकारियों ने कहा कि लगातार जारी भारी बारिश के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है।

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