पटना में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से लोन लेकर पढ़ाई छोड़ने वाले 200 बच्चों पर केस, प्रशासन ने की कार्रवाई

पटना। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत लोन लेकर बीच में पढ़ाई छोड़ने के पांच साल बाद भी रकम चुकाने वाले पटना जिले के 200 छात्रों पर सर्टिफिकेट केस किया गया है। जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र के अधिकारियों ने बताया एक भी किस्त नहीं चुकाने वाले इन छात्रों के खिलाफ बिहार राज्य वित्त निगम की अनुशंसा पर जिला प्रशासन ने 25 जनवरी को सर्टिफिकेट केस दर्ज कराया है। इनमें ज्यादातर इंजीनियरिंग के छात्र हैं। ज्यादातर छात्रों ने 2018 में बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत तकनीकी शिक्षा और प्रबंधन से जुड़े विषयों की पढ़ाई के लिए लोन लिया था। वहीं, लगभग 20 हजार छात्रों को लोन की रकम वापस करने के लिए नोटिस भेजा गया है। पटना जिले में 21 हजार 939 छात्र-छात्राओं ने पढ़ाई के लिए लोन लिया है। इनमें अधिकतर इंजीनियरिंग, प्रबंधन और कंप्यूटर कोर्स से संबंधित पढ़ाई कर रहे हैं। वर्ष 2018- 19 में छात्र-छात्राओं ने लोन लेकर महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों के तकनीकी एवं प्रबंधन संस्थानों में दाखिला लिया था। कई बार भेजा गया था नोटिस जिन छात्रों ने लोन लिया था उन्हें रकम की वापसी के लिए कई बार नोटिस भेजा गया। इसके बावजूद भी उन्होंने पैसा जमा नहीं किया, इसलिए जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी को केस दर्ज करने की अनुशंसा की गई थी। एक बार में 30 छात्रों की सुनवाई सर्टिफिकेट केस की सुनवाई के लिए एडीएम आपदा के न्यायालय में व्यवस्था की गई है। एक बार में 30 छात्रों की केस की सुनवाई चल रही है। एडीएम आपदा देवेंद्र शाही ने कहा कि नोटिस के बावजूद जो छात्र लोन की रकम वापस नहीं कर रहे हैं उनपर सर्टिफिकेट केस दर्ज करते नोटिस भेजा गया है। ताकि सुनवाई के दौरान वे अपना पक्ष रख सकें। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से जल्द ही बीएड की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी लोन की सुविधा मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में कई पाठ्यक्रमों को बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से जोड़ा गया है।
चार वर्षीय स्नातक करने वाले छात्रों को दिक्कत
नई शिक्षा नीति के तहत जिन संस्थाओं में चार वर्षीय स्नातक कोर्स का संचालन शुरू किया गया है वहां के छात्र-छात्राओं को बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से लोन मिलने में दिक्कत हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि सामान्य स्नातक की पढ़ाई के लिए तीन वर्ष निर्धारित है। राज्य सरकार से जबतक चार वर्षीय स्नातक कोर्स को मान्यता संबंधित पत्र नहीं मिलता तबतक लोन नहीं दिया जा सकता है। कोर्स की निर्धारित समायावधि एक साल बाद लोन को चुकता करना है। उदाहरण के तौर पर चार वर्षीय कोर्स के लिए किसी ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत लोन लिया है तो उसे पांच साल पूरा होने के बाद इसे चुकता करना शुरू कर देना है। इसी तरह सभी कोर्स के लिए लोन वापस करने का प्रावधान है।

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