September 30, 2025

दरभंगा में 16 वर्षीय नाबालिक ने की आत्महत्या, फांसी लगाकर दी जान

दरभंगा। जिले से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। सोमवार को महज 16 वर्षीय सूरज कुमार झा उर्फ आदित्य ने अपने घर में फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। यह घटना बहेड़ी थाना क्षेत्र के बिठौली गांव की है। सूरज इंटर की पढ़ाई कर रहा था और हाल ही में परीक्षा देने गांव आया था। लेकिन उसने अचानक इस तरह का कदम क्यों उठाया, यह अब तक रहस्य बना हुआ है। पुलिस मामले की हर पहलू से जांच में जुट गई है।
घटना का सिलसिला
गांव में घटी इस घटना के अनुसार, सोमवार को सूरज अपने घर में अकेला था। तभी उसने गमछे को फंदा बनाकर बांस की बल्लियों में बांध लिया और फांसी लगा ली। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब घर के लोगों ने उसे इस हालत में देखा तो वहां अफरा-तफरी मच गई। परिजनों के रोने-बिलखने की आवाज से गांव का हर व्यक्ति स्तब्ध रह गया।
परिजनों का बयान
सूरज के परिजनों ने बताया कि वह करीब 25 दिन पहले गांव आया था और अपने चौथे चाचा कृष्णकांत झा के घर रह रहा था। शुरू में उसका व्यवहार सामान्य था, लेकिन धीरे-धीरे उसने कुछ गलत संगत पकड़ी और नशेड़ी युवकों के साथ समय बिताने लगा। परिजनों का कहना है कि कभी-कभी वह खुद भी नशा करता था। रविवार तक वह बिल्कुल सामान्य दिख रहा था। दोपहर में उसने खेत-पटवन का काम भी किया और शाम को घर लौट आया। लेकिन घर पहुंचने के कुछ ही घंटे बाद उसने यह चौंकाने वाला कदम उठा लिया।
पारिवारिक स्थिति और पृष्ठभूमि
सूरज इकलौता बेटा था। उसके पिता कौशल झा कोलकाता में ट्रक चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। घर में बेटे की अचानक हुई मौत की खबर मिलने पर वह गहरे सदमे में हैं। मां-पिता को तुरंत सूचना दे दी गई और उनके गांव पहुंचने के बाद आवेदन के आधार पर पुलिस विशेष जांच शुरू करेगी। परिवार ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनका इकलौता बेटा इस तरह की राह चुन लेगा।
पुलिस की त्वरित जांच
जैसे ही घटना की जानकारी मिली, बहेड़ी थाना पुलिस मौके पर पहुंची। एसडीपीओ आशुतोष कुमार, थानाध्यक्ष सूरज कुमार गुप्ता और एसआई रौशन कुमार ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने सबसे पहले मृतक का मोबाइल फोन जब्त किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसके कदम के पीछे क्या कारण रहे होंगे। मोबाइल के चैट, कॉल डिटेल्स और सोशल मीडिया गतिविधियों के आधार पर जांच आगे बढ़ाई जाएगी।
जांच के संभावित पहलू
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आत्महत्या के पीछे कई संभावित कारणों पर विचार किया जा रहा है। इसमें परीक्षा में असफलता की आशंका, निजी विवाद या प्रेम-प्रसंग जैसे मामले शामिल हो सकते हैं। हालांकि अभी तक किसी एक कारण की पुष्टि नहीं हुई है। इस बीच, सूरज की नशेड़ी युवकों से दोस्ती और उनके प्रभाव को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पुलिस का कहना है कि हर संभावना पर गहराई से जांच की जाएगी।
शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया
पुलिस ने सूरज के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (डीएमसीएच) भेजा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि आत्महत्या से पहले की परिस्थितियां क्या थीं और कहीं इसमें कोई अन्य कारण तो नहीं जुड़ा है।
गांव में शोक और आक्रोश
इस दर्दनाक घटना से पूरे गांव में मातम का माहौल है। हर कोई स्तब्ध है कि इतनी कम उम्र में सूरज ने क्यों अपनी जिंदगी समाप्त कर ली। गांव के लोग इसे सामाजिक और पारिवारिक निगरानी की कमी से जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि किशोर उम्र के बच्चों पर माता-पिता को विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि वे नशे या गलत संगति से दूर रह सकें।
सामाजिक सन्देश और सीख
यह घटना समाज के लिए एक गंभीर संकेत है। किशोरावस्था बेहद नाजुक होती है और इस दौरान बच्चे मानसिक दबाव, संगति और भावनात्मक उतार-चढ़ाव से गुजरते हैं। यदि समय पर सही मार्गदर्शन और भावनात्मक सहयोग न मिले तो वे गलत फैसले ले सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों से लगातार संवाद और उनकी गतिविधियों पर नजर रखना जरूरी है। साथ ही उन्हें मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी मदद भी समय-समय पर उपलब्ध कराई जानी चाहिए। दरभंगा की यह घटना केवल एक आत्महत्या नहीं बल्कि समाज के लिए चेतावनी है। 16 साल का सूरज अगर इस तरह का कदम उठाता है तो यह न केवल उसके परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए गहरी चिंता का विषय है। पुलिस जांच निस्संदेह सच्चाई तक पहुंचेगी, लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि हम सब मिलकर किशोरों के जीवन और मानसिक स्थिति पर अधिक ध्यान दें। समय रहते परिवार और समाज यदि बच्चों की समस्याओं को समझ लें, तो शायद कई मासूम जिंदगियां ऐसे खौफनाक अंजाम से बचाई जा सकती हैं।

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