अमृतसर में जहरीली शराब से अब तक 14 की मौत, कई लोगों की हालत गंभीर, प्रशासन में हड़कंप
अमृतसर। पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है। यह घटना 11 मई की रात की बताई जा रही है, जब कुछ लोगों ने संदिग्ध शराब का सेवन किया। अगले ही दिन, यानी सोमवार की सुबह, पहली मौतें सामने आईं और धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ती चली गई। कई लोग अभी भी अस्पतालों में गंभीर हालत में भर्ती हैं। घटना के बाद प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
शराब की सप्लाई और आरोपियों की गिरफ्तारी
अमृतसर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) महिंदर सिंह ने जानकारी दी कि जैसे ही पुलिस को रात करीब 10:30 बजे घटना की सूचना मिली, उन्होंने तत्काल जांच शुरू कर दी। शुरुआती कार्रवाई में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनकी निशानदेही पर शराब के मुख्य सप्लायर को भी पकड़ा गया। बाद में इस पूरे नेटवर्क के किंगपिन साहब सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। उससे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि जहरीली शराब कहां से मंगवाई गई थी और किस स्तर पर इसमें मिलावट की गई।
ऑनलाइन शराब ऑर्डर और स्थानीय वितरण
जांच में यह भी सामने आया है कि मृतकों और पीड़ितों ने शराब ऑनलाइन ऑर्डर की थी। इसके बाद स्थानीय डिस्ट्रीब्यूटर प्रभजीत ने शराब को डाइल्यूट किया और अपने संपर्क में आए डिस्ट्रीब्यूटर्स को बेचा। इन डिस्ट्रीब्यूटर्स ने शराब के पैकेट तैयार कर स्थानीय स्तर पर बिक्री की। शराब के सैंपल को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उसमें कौन-कौन से रसायन मिले हुए थे।
घटनास्थल और मृतकों की पहचान
बताया जा रहा है कि मृतकों में भंगाली, मुरारी कलां और थरियावाल गांव के निवासी शामिल हैं। जिन लोगों की सोमवार सुबह मौत हुई थी, उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है। स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश का माहौल है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह कोई पहली घटना नहीं है जब पंजाब में जहरीली शराब के कारण इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान गई हो। 2024 में संगरूर जिले में इसी तरह की घटना में 24 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 2020 में अमृतसर, तरन तारन और गुरदासपुर जिलों में जहरीली शराब के सेवन से 130 लोगों की जान गई थी और कई लोग स्थायी रूप से अंधे हो गए थे। अकेले तरन तारन जिले में ही उस समय 80 लोग मारे गए थे।
कड़ी कार्रवाई का आश्वासन
पंजाब सरकार ने इस बार भी सख्त निर्देश दिए हैं कि जहरीली शराब के कारोबार में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा न जाए। पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं और नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे केवल लाइसेंसी दुकानों से ही शराब खरीदें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि मिलावटी शराब का अवैध धंधा न सिर्फ गैरकानूनी है बल्कि सीधे तौर पर जानलेवा भी है। ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए प्रशासन को लंबे समय तक चलने वाली ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।


