देश में कोरोना के नए वेरिएंट से अबतक 11 की मौत, 1047 एक्टिव केस, एक हफ्ते में मामले बढ़े

नई दिल्ली। भारत में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। हाल ही में सामने आए नए वैरिएंट्स के कारण संक्रमितों की संख्या में इजाफा हुआ है और अब तक 11 लोगों की मौत भी हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में फिलहाल 1047 एक्टिव केस हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा 430 केरल में दर्ज किए गए हैं।
राज्यों में केसों की स्थिति
कोरोना संक्रमण के मामले कई राज्यों में देखे जा रहे हैं। केरल के बाद महाराष्ट्र में 208, दिल्ली में 104, गुजरात में 83 और कर्नाटक में 80 केस एक्टिव हैं। कर्नाटक में भी अधिकतर मामले बेंगलुरु में हैं, जहां अकेले 73 केस सामने आए हैं। यह दर्शाता है कि शहरी क्षेत्रों में संक्रमण की रफ्तार अपेक्षाकृत तेज है।
मौत के मामले बढ़े
बीते एक सप्ताह के भीतर देश में नौ लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है, जिससे कुल मौतों की संख्या 11 हो गई है। इनमें से पांच मौतें महाराष्ट्र में दर्ज की गई हैं। ठाणे में हाल ही में एक महिला की मौत हुई है, जबकि 25 मई को एक 21 वर्षीय युवक की अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी दो मौतें दर्ज की गई हैं। इनमें से एक व्यक्ति रेलवे स्टेशन पर मृत मिला और उसकी रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव आई।
वैरिएंट की स्थिति और जानकारी
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के निदेशक डॉ. राजीव बहल के अनुसार देश में अब तक कोरोना के चार नए वैरिएंट की पहचान की जा चुकी है। इनमें LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 शामिल हैं। इन वैरिएंट्स की पहचान विशेष रूप से दक्षिण और पश्चिम भारत में की गई है। हालांकि, इन्हें फिलहाल चिंताजनक नहीं माना गया है, लेकिन उन्हें निगरानी में रखा गया है।
तेजी से फैलने वाला NB.1.8.1 वैरिएंट
NB.1.8.1 वैरिएंट को विशेष रूप से ध्यान में रखा जा रहा है क्योंकि इसमें A435S, V445H और T478I जैसे म्यूटेशन हैं, जो इसे तेजी से फैलने में सक्षम बनाते हैं। यह वैरिएंट उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है, जिनमें पहले से कोविड के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। यह विशेषता इसे अन्य वैरिएंट्स से अधिक खतरनाक बनाती है।
JN.1 बना प्रमुख वैरिएंट
भारत में इस समय सबसे आम वैरिएंट JN.1 है, जो सभी टेस्टिंग नमूनों में से आधे से अधिक में पाया गया है। इसके बाद BA.2 वैरिएंट (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) का स्थान है। JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 स्ट्रेन का हिस्सा है और इसमें लगभग 30 म्यूटेशन पाए जाते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं।
WHO की चेतावनी और सलाह
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने JN.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ की श्रेणी में रखा है, जिसका मतलब है कि उस पर वैज्ञानिक रूप से नजर रखी जा रही है। हालांकि WHO ने कहा है कि ये वैरिएंट अभी के लिए वैश्विक स्तर पर चिंताजनक नहीं हैं, लेकिन इनकी निगरानी जरूरी है।
सावधानी जरूरी, घबराने की नहीं जरूरत
सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां लोगों को घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की सलाह दे रही हैं। टेस्टिंग, मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और समय पर टीकाकरण कराने पर जोर दिया जा रहा है।

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