November 28, 2025

मुख्यमंत्री रोजगार योजना के तहत 10 लाख महिलाओं के खाते में गए 10-10 हज़ार रुपये, सीएम ने डीबीटी से किया ट्रांसफर

  • मुख्यमंत्री का राजद पर हमला, कहा- पहले वाली सरकारों ने कुछ नहीं किया, हमने महिलाओं को आगे बढ़ाया

पटना। बिहार सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत शुक्रवार को 10 लाख महिलाओं के बैंक खाते में 10-10 हजार रुपये की सहायता राशि भेजी। यह पूरा वितरण डीबीटी प्रणाली के माध्यम से किया गया, जिसे स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक विशेष कार्यक्रम के दौरान संचालित किया। मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित इस समारोह में कई वरिष्ठ अधिकारी, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विभागीय प्रतिनिधि मौजूद थे।
कार्यक्रम का आयोजन और राशि हस्तांतरण
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने डीबीटी के माध्यम से एक ही बार में कुल एक हजार करोड़ रुपये की सहायता राशि ट्रांसफर की। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को छोटे-छोटे रोजगार, स्वरोजगार गतिविधियों और आजीविका से जुड़े कार्यों के लिए आर्थिक सहारा प्रदान करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करने और उन्हें स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए शुरू की गई थी, जो अब बड़े स्तर पर प्रभाव डाल रही है।
मुख्यमंत्री का जनता और महिलाओं के प्रति आभार
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को भारी बहुमत जनता ने ही दिया है, इसलिए आने वाले पांच सालों में सरकार पूरी निष्ठा से जनता की सेवा करेगी। उन्होंने कहा कि बिहार की महिलाएं हमेशा से राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं और इस योजना के माध्यम से उनकी भूमिका को और मजबूत किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकारों ने महिलाओं के लिए उतना काम नहीं किया जितना बीते वर्षों में किया गया है।
लाभार्थियों के अनुभव और प्रतिक्रियाएं
कार्यक्रम के दौरान कई महिलाओं ने मुख्यमंत्री के सामने अपने अनुभव साझा किए। पश्चिमी चंपारण की सुनीता ने बताया कि 10 हजार रुपये की इस सहायता राशि से उन्हें काफी मदद मिली है और सरकार द्वारा किए गए कार्यों के लिए वे आभार व्यक्त करती हैं। भागलपुर की फूलन कुमारी ने बताया कि जीविका समूह से जुड़ने के बाद उनका जीवन बदला है और इस सहायता राशि से उन्होंने अपना कपड़ों का व्यवसाय शुरू कर लिया है। दरभंगा की एक जीविका दीदी ने बताया कि उन्होंने भगवान से प्रार्थना की थी कि नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनें और उनकी प्रार्थना पूरी हुई। उनकी माने तो यह योजना महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का साधन बन गई है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की लाभार्थी महिलाएँ
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस चरण में जिन 10 लाख महिलाओं के खाते में राशि भेजी गई है, उनमें से लगभग 9 लाख 50 हजार ग्रामीण क्षेत्रों की हैं, जबकि 50 हजार महिलाएं शहरी क्षेत्र से हैं। ये सभी महिलाएं जीविका समूह से जुड़ी हैं और पहले भी आर्थिक गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण और सहयोग पाती रही हैं। सरकार ने बताया कि अब तक इस योजना से लगभग 1 करोड़ 40 लाख महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की सहायता दी जा चुकी है।
योजना का दायरा और आवेदन प्रक्रिया
महिला रोजगार योजना की आवेदन प्रक्रिया दो भागों में विभाजित की गई थी। शहरी क्षेत्रों में ऑनलाइन आवेदन लिए गए, वहीं ग्रामीण महिलाओं ने पंचायत स्तर पर ऑफलाइन फॉर्म भरे। आवेदन चयन में प्राथमिकता उन महिलाओं को दी गई जो जीविका समूह में पहले से सक्रिय और आर्थिक गतिविधियों में संलग्न थीं। हाल ही में लगभग 13 लाख जीविका दीदियों ने भी इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। सरकार इन आवेदनों की जांच कर रही है और आने वाले चरणों में उन महिलाओं के खातों में भी राशि भेजी जाएगी।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की पहल
सरकार का दावा है कि यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। 10 हजार रुपये की यह सहायता राशि महिलाओं को छोटे व्यवसाय जैसे कपड़ों की दुकान, सिलाई-कढ़ाई, घर-आधारित उत्पाद, पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण आदि शुरू करने में मदद करती है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से यह आर्थिक सहायता महिलाओं में आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ाती है। सरकार का मानना है कि जीविका समूहों के विस्तार और महिलाओं को वित्तीय सहायता देने से बिहार में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन तेजी से हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई महिलाएं अब स्वरोजगार अपनाकर परिवार की आय बढ़ाने में योगदान दे रही हैं। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना ने लाखों महिलाओं के जीवन में आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता के नए द्वार खोले हैं। इस योजना के माध्यम से दी गई राशि न केवल महिलाओं को छोटे व्यवसाय शुरू करने में मदद करती है, बल्कि उन्हें परिवार और समाज में सशक्त भूमिका निभाने का अवसर भी प्रदान करती है। सरकार ने आगामी चरणों में और अधिक पात्र महिलाओं तक यह लाभ पहुंचाने का आश्वासन दिया है, जिससे आने वाले वर्षों में महिला सशक्तिकरण की दिशा में और भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।

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