सीएम नीतीश ने बिहार में लोकतंत्र को मजबूत किया : आरसीपी सिंह

जदयू के विधानसभावार वर्चुअल सम्मेलन का नौवां दिन


पटना। जदयू के विधानसभावार वर्चुअल सम्मेलन के नौवें दिन राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) व राज्यसभा में दल के नेता आरसीपी सिंह के नेतृत्व में बखरी, अलौली, सुल्तानगंज, अमरपुर, सूर्यगढ़ा एवं शेखपुरा विधानसभा क्षेत्र में सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस दौरान अपने संबोधन में आरसीपी सिंह ने कहा कि 26 जुलाई के दिन का ऐतिहासिक महत्व है। आज के दिन हमलोग कारगिल विजय दिवस मनाते हैं और आज ही के दिन 118 साल पहले 1902 में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में शाहूजी महाराज ने सरकारी नौकरियों में पिछड़ों और वंचितों को आरक्षण देने की शुरूआत की थी। उस समय के लिए यह सोच बहुत बड़ी बात थी। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शाहूजी महाराज, ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले और बाबासाहेब की सोच को अमलीजामा पहनाने का काम किया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि बिहार में जाति, धर्म और लिंग के आधार पर समाज में तनाव नहीं हो। दलित-महादलित, पिछड़े-अतिपिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक हों या सामान्य वर्ग – विकास की किरण पहुंचाने में उन्होंने कोई भेदभाव नहीं किया। वहीं, पंचायती राज और शहरी निकायों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण, सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण और बेटियों की शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों से उन्होंने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उन्होंने मील के कई पत्थर स्थापित किए। नरसंहारों और सांप्रदायिक दंगों के दौर से बिहार को निकालकर उन्होंने शांति स्थापित की। श्री सिंह ने आगे कहा कि हमारे सामने कोरोना, बाढ़ और बरसात के बीच चुनाव की संवैधानिक बाध्यता है। इस समय हमें अपने सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन करना है। जदयू के सभी कार्यकर्ता कोरोना पीड़ितों और उनके परिजनों को संबल और सहायता दें।
वहीं सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि हमारी सरकार ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी की तो मंदिर, चर्च, गुरुद्वारा और स्तूपों का भी ध्यान रखा। महिलाओं को हमने एक सामाजिक समूह माना।
वर्चुअल सम्मेलन को परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला, सांसद चन्देश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी, विधायक अभय कुशवाहा, प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा एवं जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमरदीप ने भी संबोधित किया।

You may have missed