December 8, 2025

शादी की सालगिरह पर खुशी मनाकर कवि अंशुमाली ने दुनिया को कहा अलविदा

पंचतत्व में विलीन होते ही अंग महाजनपद में छाई शोक की लहर


भागलपुर। अंग महाजनपद के 69 वर्षीय कर्मठ साहित्यसेवि सह कवि उमाकांत झा अंशुमाली ने एक दिन पूर्व रात को अपनी शादी की सालगिरह की खुशियां व जश्न मनाकर दूसरे दिन के प्रात: ही दुनिया को अलविदा कह साहित्य व काव्य के क्षेत्र में खुद को अमर कर गए।
गौरतलब हो कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी कवि उमाकान्त झा अंशुमाली ने रविवार की रात को वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए अपने परिजनों के साथ अपनी शादी की सालगिरह के मौके पर खुशियां व जश्न मनाए और फिर अगले दिन सोमवार की सुबह तिलकामांझी स्थित अपने आवास पर ह्रदय गति रुकने से अपने पीछे दो पुत्र, एक पुत्री, पत्नी, पोता-पोती एवं नाती-नतनी समेत भरा पूरा परिवार छोड़कर सदा के लिए दुनिया को अलविदा कह मंगलवार को पंचतत्व में विलिन होकर साहित्य व काव्य के क्षेत्र में खुद को अमर कर गए। उनके द्वारा रचित प्रबंध काब्य श्री दुर्गा चरित पुस्तक से प्रसिद्धि पाकर विद्या वाचस्पति और कई मानद उपाधि से सम्मानित दिवंगत अंशुमाली नाट्यकर्मी, कवि व लेखक के साथ-साथ मधुर कोकिल कंठ के बादशाह माने जाते थे।
इस तरह अचानक उनके चले जाने से अंग महाजनपद के कवि-साहित्यकारों में शोक की लहर छाई हुई है। उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को अपनी ओर से अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मधुसूदन झा, डॉ. बहादुर मिश्र, प्रो. प्रेम प्रभाकर, डॉ. डीपी सिंह, डॉ. विद्या रानी, डॉ. गायत्री देवी, डॉ.अमरेन्द्र, डॉ. रमेश मोहन शर्मा आत्मविश्वास, कुल गीतकार आमोद मिश्र, दिनेश बाबा तपन, कथाकार शिव कुमार शिव आदि ने शोक प्रकट की और दिवंगत अंशुमाली की आत्मा शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण किया।

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