शहीद का अंतिम दर्शन पाने को उमड़ा जनसैलाब, कोई राजा भी मरेगा तो इतनी श्रद्धांजलि देने वाला नहीं होगा

लखीसराय। शहीद सूबेदार रामरतन कुमार का पार्थिव शरीर गुरुवार को सुबह 8:48 बजे जब पैतृक गांव लखीसराय के सूर्यगढ़ा पहुंचा तो शहीद के अंतिम दर्शन के लिये जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोग तड़के से ही शहीद के अंतिम दर्शन के लिये सूर्यगढ़ा सहित आसपास के इलाके पर अपलक नेत्रों से शव वाहन के आने की प्रतिक्षा करते रहे। बाइक सवार हाथों में तिरंगा लिये युवक शहीद रामरतन कुमार अमर रहे, भारत माता की जय आदि नारा लगाते नजर आये। बता दें शहीद रामरतन कुमार 6 कुमाऊ रेजिमेंट में सूबेदार के पद पर कार्यरत थे, जिनकी ड्यूटी के दौरान 17 फरवरी को मौत हो गयी थी।
शव वाहन के सूर्यगढ़ा पहुंचते ही गगन भेदी नारा से इलाका गूंजायमान होने लगा। हाथों में तिरंगा लिये बाइक सवार शव वाहन की अगुआई कर रहे थे। एनएच के दोनों ओर लोग कतारबद्ध होकर सूर्यगढ़ा के वीर सपूत के अंतिम दर्शन को ललायित दिखे। हर कोई सूर्यगढ़ा के लाल शहीद रामरतन का अंतिम दर्शन पाना चाहता था, लेकिन ताबूत में शव बंद होने के कारण लोग अपने लाल का दीदार नहीं कर पा रहे थे।
भीड़ के कारण सूर्यगढ़ा थाना चौक से शहीद द्वार तक शव वाहन को आने में तकरीबन 15 मिनट का लगा। जगह-जगह लोग शव वाहन को रोककर शहीद के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि कर रहे थे। शहीद द्वार से मुड़ कर सलेमपुर के रास्ते तकरीबन 10:11 बजे शहीद के पैतृक गांव भवानीपुर पहुंचा जहां शव को गांव के मुहाने पर स्थित किसान भवन के समीप खुले में लोगों के अंतिम दर्शन के लिये रखा गया। आधा घंटा बाद शव को शहीद के घर ले जाया गया, जहां से 15 मिनट बाद पुन: शव को किसान भवन के पास लाया गया। भवानीपुर गांव स्थित किसान भवन के प्रांगण से 11:15 बजे शव यात्रा निकला, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। लगभग 7 किलोमीटर की पैदल शवयात्रा के बाद अपराह्न तीन बजे के बाद कटेहर गांव स्थित गौरीशंकर श्मशान घाट में शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। लायंस सूबेदार अरुण कुमार के नेतृत्व में ओटी, आॅफिसर ट्रेनिंग एकेडमी गया के जवानों ने शहीद को अंतिम सलामी दी। मौके पर क्षेत्रीय विधायक प्रह्लाद यादव, जदयू के जिलाध्यक्ष रामानंद मंडल, जदयू पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष संजय महतो, मुंगेर चेंबर आॅफ कॉमर्स सूर्यगढ़ा इकाई के अध्यक्ष रविशंकर प्रसाद सिंह अशोक, सचिव आलोक अग्रवाल, सलेमपुर पूर्वी पंचायत की मुखिया मीना देवी, सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।
शहीद की पत्नी संगीता रह-रहकर हो जा रही थी बेहोश
शहीद रामरतन के पार्थिव शरीर पर अंतिम दर्शन कर रहे परिजनों में शहीद की पत्नी संगीता देवी रह-रह कर बेहोश हो रही थी। बीते चार दिनों से पत्नी संगीता देवी का रो-रो कर बुरा हाल था। उन्हें देखकर लोगों की आंखें नम हो गई। अक्सर बेहोश होने पर उनका इलाज कराया जा रहा था। बड़ा बेटा सुमित और छोटा सूरज के पिता के पार्थिव शरीर को देखकर आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे। पिता श्री यादव रोते हुए कह रहे थे कि कोई राजा भी मरेगा तो इतनी श्रद्धांजलि देने वाला नहीं होगा, सैकड़ों लोगों की श्रद्धांजलि पाकर मेरा बेटा अमर हो गया।

You may have missed