वैशाली के कोरोना संक्रमित मृतक के अर्थी को कंधा और चिता को आग नहीं दे सके परिजन

पटना। वैशाली जिले के कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार शुक्रवार शाम को पटना के बांसघाट पर किया गया। अंतिम संस्कार के समय मृतक के मात्र दो परिजन घाट पर पहुंचे। वह न तो अर्थी को कंधा दे पाए और न ही चिता को आग दे पाए। परिजन दूर खड़े होकर अंतिम संस्कार को देखा। शव को पटना के बांस घाट के किनारे पर जलाया गया। अंतिम संस्कार का कार्य वैशाली जिला प्रशासन ने कराया। एम्स अस्पताल मौत होने के बाद स्वास्थ्य कर्मी शव को शव वाहन में रखकर लाए थे। मेडिकल टीम एम्बुलेंस में आई। परिजन को घाट तक ले जाने के लिए एक कार की व्यवस्था की गई। वैशाली पुलिस के जवान दो कार से घाट पर पहुंचे। घाट पर आए लोगों ने पीपीई किट पहन रखा था। शव को सफेद रंग के बैग में रखा गया था।
बता दें बिहार में कोरोना वायरस से शुक्रवार को दूसरी मौत हुई। एम्स में भर्ती वैशाली के राघोपुर पूर्वी का रहने वाला 35 वर्षीय युवक ने दम तोड़ दिया। इससे पहले 21 मार्च को मुंगेर के युवक की कोरोना से पहली मौत हुई थी। वह कतर से लौटा था और उसकी दोनों किडनी फेल हो चुकी थी। उक्त युवक ने भी एम्स में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
शुक्रवार को जिस कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत हुई है। उस युवक की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है। वह बीते 2 साल से बीमार था। 23 मार्च को उसे खुसरुपुर सेंट्रल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। सुधार नहीं होने पर पटना के पॉपुलर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। 14 अप्रैल को जब युवक की हालत खराब होने लगी तब परिजन उसे एंबुलेंस से लेकर पटना एम्स पहुंचे। 15 अप्रैल को युवक की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

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