वर्ल्ड स्पाइन डे : चोट से हर हाल में बचायें रीढ़ की हड्डी को, मांस, मछली, अंडा का करें सेवन

पटना। वर्ल्ड स्पाइन डे के उपलक्ष्य में एशियन सिटी हॉस्पिटल के स्पाइन सर्जन डॉ. पंकज ने रीढ़ की हड्डी की समस्याओं से बचने के उपाय बताये। डॉ. पंकज ने कहा है कि रीढ़ की हड्डी पूरे शरीर की गतिविधियों को संचालित करने में मुख्य भूमिका निभाती है, इसलिए इसे हर हाल में सुरक्षित रखना जरूरी है। इसकी सुरक्षा के लिए 10 किलोग्राम से ज्यादा का वजन नहीं उठाना चाहिए, इसे चोट से भी बचना चाहिए। एक बार इसकी एक नस कट गयी या क्षतिग्रस्त हो गयी तो आदमी जीवन भर के लिए अपाहिज हो सकता है। इसके बचाव के लिए कमर और गर्दन की हड्डियों को हर स्थिति में चोट से बचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रीढ़ की समस्याओं का सिर्फ आपरेशन ही नहीं, बल्कि दवा से भी इलाज संभव है। अपने देश में रीढ़ की हड्डी में टी.बी. आम बीमारी है, इसलिए रीढ़ की हड्डी की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
डॉ. पंकज ने कहा कि हाथ-पैर मे कमजोरी, पीठ में असहनीय दर्द, रीढ़ की हड्डी में भीषण दर्द, चलने-फिरने में दिक्कत, पेशाब व शौच पर नियंत्रण न रख पाने की स्थिति में आपरेशन ही इलाज है। उन्होंने कहा कि खान-पान में कैल्शियम, प्रोटीन तथा विटामिन डी को अवश्य शामिल करें। मांस, मछली, अंडा के अलावा दूध, दही, पनीर, राजमा का सेवन जरूर करें।

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