September 17, 2025

लॉक डाउन में बाहर फंसे अप्रवासी मजदूरों और छात्रों को लेकर बिहार की सियासत गर्मायी, वार-पलटवार शुरू

पटना। लॉक डाउन की वजह से लाखों अप्रवासी बिहारी के साथ ही राज्य से बाहर पढ़ाई के लिए गए छात्र भी देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। अब इन छात्रों और अप्रवासी बिहारियों को लेकर बिहार की सियासत गर्माती हुई नजर आ रही है। जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लॉक डाउन समाप्त होने तक मजदूर हो या फिर छात्र, सभी को जहां है, वहीं रुकने को कह रहे हैं। उधर, बिहार के विपक्षी दल नीतीश कुमार पर हमला की मुद्रा में आ गए हैं। बिहार के बाहर फंसे अप्रवासी बिहारियों की समस्याओं को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर कई सवाल खड़े किए है। वहीं प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा है कि नीतीश कुमार लॉक डाउन की मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं।
तेजस्वी ने पूछा-अप्रवासियो से इतना बेरुखी भरा व्यवहार क्यों?
तेजस्वी ने नीतीश को राजधर्म का पाठ पढ़ाते हुए पूछा कि माननीय मुख्यमंत्री जी, आखिर बिहार सरकार और अनिर्णय की स्थिति में क्यों है? अप्रवासी मजबूर मजदूर वर्ग और छात्रों से इतना बेरुखी भरा व्यवहार क्यों है? 3 दिन में बिहार के 3 गरीब मजदूरों की मौत हो चुकी है, उनके प्रति आज संवेदनशीलता क्यों है? तेजस्वी यादव ने कोटा से अपने छात्रों को निकालने के लिए यूपी सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए एक और ट्वीट किया और लिखा कि बिहार के हजारों छात्र कोटा के जिलाधिकारी से विशेष अनुमति लेकर आए। लेकिन बिहार सरकार ने उन्हें राज्य के सीमा पर ही रोक दिया, प्रदेश में घुसने नहीं दिया। विद्यार्थी हो या अप्रवासी मजदूर, बिहार सरकार ने संकट में सभी को त्याग दिया है। इतना ही नहीं तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट के जरिए नीतीश कुमार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि अप्रवासी राज्य के मानव संसाधन है। यह सभी कुशल, अर्ध कुशल व अकुशल श्रमिक राज्य के कमाऊ पूत है जो राज्य की अर्थव्यवस्था में प्रतिवर्ष 50 से 60 हजार करोड़ का अंशदान देते हैं। उन्हें संकट की घड़ी में राज्य सरकार द्वारा इस तरह छोड़ देना नैतिकता, मानवता और राज्य धर्म के विरुद्ध है।
जदयू ने राजद को बताया ‘सर्टिफाइड भ्रष्टाचारी पार्टी’
तेजस्वी के इस आरोप के बाद जदयू ने पलटवार करते हुए कहा कि तेजस्वी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। जो लोग बिहार में बाहर से आए हैं या फिर बिहार के लोग जो बाहर फंसे हैं, सभी की चिंता नीतीश सरकार कर रही है। उनके रोजगार से लेकर उनके खाने-पीने तक की व्यवस्था भी नीतीश सरकार कर रही है। तेजस्वी के राज धर्म वाले नसीहत पर जदयू के फायरब्रांड नेता अजय आलोक ने भी पलटवार करते हुए कहा कि मानवता, राज धर्म, नैतिकता का पाठ, विपदा और आपदा की घड़ी में ऐसे लोग पढ़ा रहे हैं, जिनका इन तीनों शब्द से कभी कोई वास्ता नहीं रहा। सर्टिफाइड भ्रष्टाचारी पार्टी के यह लोग बताएं कि जो धन भ्रष्टाचार से अर्जित किया है। आज उस पर पहला हक किसका है।
पीके बोले : नीतीश लॉक डाउन की मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे
इस आरोप-प्रत्यारोप में जदयू से निकाले गए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी कूद पड़े। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ट्वीट के जरिए पर हमला करते हुए कहा कि देशभर में बिहार के लोग फंसे पड़े हैं और नीतीश कुमार लॉक डाउन की मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं। स्थानीय सरकार कुछ कर भी रही है लेकिन नीतीश जी ने संबंधित राज्यों से अब तक कोई भी बात नहीं की है। प्रधानमंत्री के साथ बैठक में भी उन्होंने इस बात का कोई जिक्र नहीं किया। इस बीच में बिहार सरकार पर कोटा में फंसे छात्रों को वहां से निकालने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
दरअसल कोटा में फंसे छात्रों ने भी राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि वह उन्हें यहां से निकाले। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके पक्ष में नहीं है। नीतीश कुमार ने योगी आदित्यनाथ के उस फैसले की भी आलोचना की है, जिसमें यूपी के सीएम ने कोटा में फंसे छात्रों को निकालने के लिए बसों की व्यवस्था की है।

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