रजिस्ट्रेशन के बाद भी भागलपुर में कोरोना जांच के लिए भटक रहे हैं रेलकर्मी

भागलपुर (गौतम सुमन गर्जना)। बिहार के भागलपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। यहां लोग कोरोना की जांच के लिए परेशान होकर दर-दर भटकने को मजबूर हैं। वहीं इन्हें अस्पताल से वापस लौटाया जा रहा है। इस कारणवस लोगों में डर और भय के बीच काफी आक्रोश देखा जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला भागलपुर रेलवे जंक्शन के रेलवे यार्ड से जुड़ा हुआ है। दरअसल 5 दिन पूर्व रेलवे कोचिंग यार्ड में 2 कर्मियों में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए। तत्पश्चात रेलवे यार्ड के इलेक्ट्रिक विभाग में काम-काज को बंद कर सभी कर्मियों को होम आइसोलेट कर दिया गया। रेलवे की ओर से इन सभी कर्मियों को कोरोना जांच कराने का निर्देश दिया गया है। रेलवे यार्ड के कई कर्मी सदर अस्पताल जाकर रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, बावजूद इसके उन्हें 3 दिनों से अस्पताल का चक्कर काटना पड़ रहा है। ऐसे माहौल में इन कर्मियों के बीच दहशत और आक्रोश साफ-साफ देखा जा रहा है।
कई बैंक कर्मी भी लगा रहे हैं चक्कर
यूको बैंक की अलग-अलग शाखाओं के कर्मियों में कोरोना का लक्षण मिलने के बाद दर्जनों कर्मी जांच कराने के लिए सदर और जेएलएनएमसीएच में निबंधन कराया है। लेकिन अभी तक किसी की जांच नहीं हो सकी है। हर दिन लौटाया जा रहा है। उन्हें बैंक कर्मियों की जांच पहले हुई है। जिन्हें रिपोर्ट अभी तक नहीं मिला है।
96 घंटे बाद रेलवे यार्ड में चहल-पहल
रेलवे यार्ड में दो रेलकर्मी को कोरोना होने के बाद कामकाज बंद कर दिया गया था। कुछ दूसरे विभागों में भी शिफ्ट में काम लिए जा रहे थे। तीन दिनों तक कार्यालय और खड़ी रैक को भी पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया। इस बीच मंगलवार को 96 घंटे बाद रेलवे यार्ड में चहल-पहल कुछ बढ़ गई है। सीक लाइन में खड़ी ट्रेन के कोच का मेंटेनेंस किया जा रहा है। यार्ड में आने वाले कर्मी पूरी सुरक्षा और सतर्कता के साथ काम कर रहे हैं।
गौरतलब हो कि जब सरकारी कर्मचारी को जांच कराने में इतनी परेशानी हो रही है तो आम लोगों का क्या होता है। आम लोग तो निबंधन भी नहीं करा पा रहे हैं। चिकित्सक के जांच कराने को कहने पर भी मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।
