मृत मां के कफन के साथ मासूम बेटे के खेलने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान

पटना। मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर 25 मई को हृदय को विचलित कर देने वाला वीडियो सामने आया, जो बिहार के सियासी गलियारे में भी छाया हुआ है। अब गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर एक मृत महिला संबंधी वाकये को गंभीरता से लेते हुए स्वत: संज्ञान लिया है और तीन जून तक केंद्र व राज्य सरकार एवं रेलवे के संबंधित पदाधिकारियों को याचिका में पार्टी बनाने का निर्देश दिया है। पटना हाईकोर्ट यह जानना चाहता है कि क्या सचमुच डेढ़ साल के मासूम रहमत की मां नहीं रही और मासूम बच्चे को इस बात का ज्ञान नहीं है। वह बच्चा मृत मां के कफन से खेलता रहा। इस दर्दनाक वाकये को मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की दो सदस्यीय खंडपीठ ने संवेदनापूर्ण बताया।
खंडपीठ ने कहा कि ये चौंकाने वाली खबर मीडिया में भी आई है। इसमें यह कहा गया है कि डेढ़ साल के मासूम रहमत की मां प्लेटफॉर्म पर मृत पड़ी थी। मासूम बच्चा को यह मालूम नहीं कि उसकी मां जीवित नहीं है और बच्चा मां के शव को ढंकी गई चादर को हटा कर आंचल समझ कर खेल रहा था। खंडपीठ यह भी जानना चाहती है कि क्या वह महिला सचमुच अहमदाबाद से आकर कटिहार जा रही थी और भूख से ही वह ट्रेन में मर गई? खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस बात की भी जानकारी मांगी है कि क्या उस महिला का पोस्टमार्टम किया गया था? यदि पोस्टमार्टम कराया गया तो उसके मरने का क्या कारण था ? क्या वह महिला अपने भाई-बहन के साथ ट्रेन में सफर कर रही थी? यदि यह सब अधिकारियों की लापरवाही से घटना हुई तो बेहद चिंताजनक है, जिसे कोर्ट किसी भी हालत में हल्के तरीके से नहीं लेगा। पटना हाईकोर्ट के खंडपीठ ने इस मामले पर अधिवक्ता आशीष गिरि को सहायता देने को कहा है।
बता दें मीडिया में यह खबर आई थी कि 25 मई को मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर कटिहार की रहने वाली एक महिला की मौत हो गई थी। वह श्रमिक ट्रेन से आ रही थी। इसका वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था।

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