महापर्व छठ : तालाब, पोखर व घाट सजधज कर तैयार, अब छठ व्रती के आने का इंतजार, प्रशासन भी चुस्त

पटना। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर आम से लेकर खास लोग तक तैयारी में जुटे हुए हैं। पूरा माहौल छठमय हो चुका है सड़कों पर सन्नाटा पसरा है छठ व्रती को अब अर्घ्य देने का बेसब्री से इंतजार है। अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के समय में कुछ घंटे शेष रह गए हैं। इस दौरान हमारे संवाददाता ने तालाबों, पोखरों में अर्घ्य देने को लेकर की जा रही तैयारी के साथ ही कोरोना काल में हो रहे इस महापर्व को लेकर पटना पुलिस द्वारा उठाए जा रहे ऐतिहाती कदम को देखा।


बताते चलें छठ व्रती अब से कुछ घंटे बाद 5:30 बजे शाम से भगवान सूर्य को अर्ध देने की शुरुआत करेंगी। प्रशासन ने राजधानी पटना के कई घाटों को खतरनाक घोषित कर रखा है। वहीं नदी घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ अत्यधिक ना हो, इसे लेकर पुलिस लाइन, ज्ञान भवन आदि स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई है। गांधी मैदान से राजापुर और कोतवाली से राजापुर या गांधी मैदान की ओर जाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है, जिसके कारण आम राहगीरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं अगर तालाबों की बात करें तो यहां भी प्रशासन ने चुस्त व्यवस्था की है। गर्दनीबाग के पंच मंदिर स्थित तालाब पर पुलिस कर्मियों की 7-1 की टीम तैनात की है, जो बच्चे और बुजुर्गों पर नजर रखेंगे। साथ ही घाट पर अत्यधिक भीड़ ना हो, इस पर भी नजर रखेंगे। पंच मंदिर स्थित तालाब पर पानी भरने का कार्य जारी था। यहां वार्ड संख्या 13 के पार्षद जीत कुमार के सफाई इंस्पेक्टर विकी कुमार और वार्ड 14 के पार्षद श्वेता रंजन के देखरेख में घाट को संजाने संवारने का कार्य अंतिम चरण में है। इस घाट पर महिला श्रद्धालुओं के लिए चार चेंजिंग रूम बनाए गए हैं। वही कच्ची तालाब घाट पर भी छठ व्रतियों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो, इसका पूरा ख्याल रखा गया है। यहां वार्ड संख्या 14 के पार्षद पति मंटू कुमार की देखरेख में कार्य हो रहा है।


कुल मिलाकर कहें तो कोरोना काल में हो रहे छठ महापर्व को लेकर प्रशासन ने अपनी ओर से पुख्ता व्यवस्था कर रखी है। वहीं पूरी संभावना है कि श्रद्धालुओं की भीड़ नदी घाटों पर भी उमड़ेगी। अब देखना है कि प्रशासन बच्चे और बुजुर्गों को घाट तक पहुंचने से रोकने में सक्षम होती है या नहीं। हालांकि प्रशासन में अपील किया है कि जहां तक संभव है लोग अपने घरों में ही अर्घ्य अर्पित करें और बच्चे और बुजुर्ग घाट पर आने से बचें।

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