December 5, 2025

मंत्री मंगल पांडेय बोले- सरकार स्वास्थ्य केंद्रों को डीआरई सोल्यूशंस से मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध

  • सीड की रिपोर्ट : स्वास्थ्य क्षेत्र में डीआरई से 2470 करोड़ की निवेश की संभावना और 13,173 नए रोजगार सृजन का अवसर

पटना। सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने मंगलवार को वेबिनार के जरिए एक रिपोर्ट ‘डीआरई फॉर पावरिंग हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर इन बिहार’ जारी किया, जिसका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बेहतर करने और कोविड-19 महामारी के दौर में अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में विकेन्द्रीकृत अक्षय ऊर्जा (डीआरई) की व्यापक भूमिका को प्रस्तुत करना है।
वेबिनार को संबोधित करते हुए बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सात निश्चय-2 के तहत सबों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना राज्य सरकार की सर्वोपरि प्राथमिकता है। सरकार सभी स्वास्थ्य केंद्रों को डीआरई सोल्यूशंस से मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध है। बिहार सरकार इस रिपोर्ट की मुख्य सुझावों और सिफारिशों को गंभीरता से लेगी और तदनुरूप लागू करेगी, ताकि राज्य के जन-जन तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यापक प्रसार हो।
वहीं अश्विनी अशोक, हेड-रिन्यूएबल एनर्जी, सीड ने कहा कि कोविड-19 के इस चुनौतीपूर्ण समय में अक्षय ऊर्जा बिहार के स्वास्थ्य केंद्रों में ऊर्जा उपलब्धता और स्वास्थ्य सेवाओं को आम जन तक पहुंच के दोहरे उद्देश्य की पूर्ति करने में सक्षम है।


सोलर सॉल्यूशन द्वारा हेल्थकेयर सेंटर में निभाई गई सशक्त भूमिका की पुष्टि करते हुए डॉक्टर्स फॉर यू के संस्थापक डॉ. रविकांत सिंह ने कहा, मैंने खुद देखा है कि सौर ऊर्जा आधारित समाधान स्वास्थ्य केंद्र में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर सकते हैं। पटना के मसाढ़ी स्थित विस्टेक्स हॉस्पिटल इसकी मिसाल है, जहां सौर ऊर्जा संचालित 50 बेड का कोविड केयर सेंटर सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा कि ग्रामीण अस्पतालों में डीआरई समाधान सामान्य और आपात स्थिति के दौरान भी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं, जैसे वैक्सीन रेफ्रिजरेटर, बेबी वार्मर और पोर्टेबल हेल्थ केयर किट आदि की सुविधाएं प्रदान करने में यह बेहद उपयोगी है। उन्होंने राज्य सरकार, आईएमए के सदस्यों और निजी अस्पताल प्रशासकों से आग्रह किया कि वे अपने स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में डीआरई को तेजी से अपनाएं और उनका उपयोग करें। ऐसा करने से राज्य के हेल्थ इंडीकेटर्स में काफी सुधार आयेगा।
इस वेबिनार के पैनल डिस्कशन में स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों ने भाग लिया, जिसमें बिहार वॉलेंटरी हेल्थ एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मृदुल कुमार सहनी, शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन में प्रोग्राम मैनेजर सृष्टि महाजन और एम्स पटना के कम्यूनिटी एवं हेल्थ फैमिली मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. चंद्रमणि सिंह आदि शामिल थे।

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