मंत्री पद के रेस से बाहर हुए MLA संजीव चौरसिया, नितिन नवीन को मिली जगह

पटना (संतोष कुमार)। बिहार में एनडीए सरकार के गठन के बाद नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार पर महीनों से लोगों की नजरें बनी हुई थी, लेकिन अब इंतजार की घड़ियां खत्म होने को है। राजभवन में मंगलवार की दोपहर 12:30 बजे नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है। राजभवन में आयोजित समारोह में कम से कम 21 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। इनमें जदयू के 10 और भाजपा के 11 मंत्रियों को जगह मिलेगी।
चर्चा की माने तो मंत्रियों के रेस से दीघा विधानसभा के विधायक संजीव चौरसिया बाहर हो गए हैं जबकि नितिन नवीन को जगह मिल गई है। पहले इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि राजधानी पटना के 2 सीट दीघा विधानसभा से जहां संजीव चौरसिया तो बांकीपुर से नितिन नवीन को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन जो जानकारी सामने आई है, के मुताबिक दीघा विधायक संदीप चौरसिया मंत्रियों के रेस में बाहर हो गए हैं जबकि नितिन नवीन को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया है। कहा जा रहा है कि उन्हें बीते 3 टर्म से सीट बचाने का उपहार भाजपा ने दिया है।
भाजपा पटना महानगर के मीडिया प्रभारी नवनीत कुमार ने जानकारी दी है कि बांकीपुर विधायक नितिन नवीन 12 बजे राजभवन में बिहार सरकार के मंत्री पद के शपथ ग्रहण करने के पश्चात राजवंशी नगर स्थित नवीन सिन्हा स्मृति पार्क में 1:15 बजे अपने स्वर्गीय पिता नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा का आशीर्वाद प्राप्त करने जाएंगे। बता दें नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा परिसीमन के पूर्व पटना पश्चिमी से विधायक रहे हैं। उनके निधन के बाद पुत्र नितिन नवीन उक्त सीट से लड़ते रहे हैं और जीत हासिल करते रहे हैं।
मिल रही जानकारी के अनुसार जदयू और भाजपा दोनों ही दलों से एक-एक अल्पसंख्यक नेता मंत्री बनाए जा रहे हैं। बसपा से जदयू में शामिल हुए मायावती की पार्टी के एकमात्र विधायक जमा खां और भाजपा की ओर से राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन को मंत्री बनाया जाएगा।
भाजपा से ये बनेंगे मंत्री
विधायक नितिन नवीन, नीतीश मिश्र, संजय पासवान, सम्राट चौधरी, श्रेयसी सिंह, सुभाष सिंह और भागीरथी देवी के नाम शामिल हैं। सूची के अनुसार, भाजपा ने युवाओं को मौका दिया है। मतलब साफ है कि इस बार नीतीश मंत्रिमंडल में युवा चेहरे ज्यादा दिखेंगे, जो पहली बार विधानसभा के अंदर अपनी बातों को रखेंगे।
जदयू के मंत्रियों की सूची
वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार, संजय झा, मदन सहनी, लेसी सिंह, नीरज कुमार, दामोदर रावत, निर्दलीय विधायक सुमित सिंह के नामों की चर्चा है। यह सभी पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। जदयू की इस सूची से यही प्रतीत होता है कि पार्टी ने पुराने चेहरे को ही तरजीह देना ज्यादा मुनासिब समझा है। साथ में दोनों पार्टियों ने मंत्रियों के चयन में सामाजिक समीकरण और क्षेत्रवाद प्रतिनिधित्व का पूरा ख्याल रखा है।
