भागलपुर के रेलवे प्लेटफार्म पर ही होगा कोरोना मरीजों का इलाज

कोविड-19 अस्पताल हो गया बनकर तैयार
रेल अस्पताल के अवर निरीक्षक डॉ. सत्येंद्र बने आइसोलेशन कोच के नोडल पदाधिकारी


भागलपुर (गौतम सुमन गर्जना)। रेलवे जंक्शन पर कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कोविड-19 अस्पताल खड़ी हो चुकी है। इस अस्पताल का एक रैक प्लेटफार्म संख्या छह पर रहेगा और जरूरत पड़ने पर पांच नंबर का भी उपयोग किया जाएगा। रेलवे वार्ड में कोविड-19 अस्पताल को चलाने से ट्रेनों के रखरखाव और अन्य कार्यों पर काफी असर पड़ेगा। इसी कारणवश रेलवे ने छह और पांच नंबर प्लेटफार्म पर आइसोलेशन अस्पताल लगाने का प्रस्ताव विभाग को भेजा है। दोनों प्लेटफार्म पर मरीजों का प्रवेश दक्षिणी गेट से होगा। रेलवे ने इसके लिए रास्ता भी तैयार कर दिया है।
गौरतलब हो कि स्वास्थ्य विभाग ने मालदा रेल मंडल को 20 जुलाई तक आइसोलेशन कोच और चिकित्सकों के लिए एसी कोच तैयार करने को कहा था, लेकिन रेलवे ने समय से 3 दिन पूर्व सारी तैयारियां पूरी कर ली थी। इस बाबत डीआरएम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के मांग के अनुरूप को समय से पूर्व तैयार कर लिया गया है। वहीं, भागलपुर रेल अस्पताल के अवर मुख्य चिकित्सक डॉ.सत्येंद्र कुमार को आइसोलेशन कोच का देखभाल करने के लिए नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।
एक कोच में 16 मरीजों का होगा इलाज
आइसोलेशन कोच में नॉन एसी कोच लगे हैं, इसमें मिडिल बर्थ को हटा दिया गया है। एक कोच में 8 केबिन होंगे। प्रत्येक केबिन में दो संक्रमितों को रखा जाएगा। मतलब एक कोच में 16 मरीज रहेंगे, कुल मिलाकर 20 कोच में 320 मरीजों की व्यवस्था होगी। वहीं चिकित्सकों के लिए चार एसी कोच अलग से रहेंगे। पांच आइसोलेशन कोच पर एक एसी कोच रहेगा। एक केबिन में दो बेड लगाए गए हैं। दोनों बेड के लिए अलग-अलग आॅक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था की गई है।
यार्ड में है कई समस्याएं
दो दिन पहले सिविल सर्जन मेडिकल टीम के साथ आइसोलेशन कोच रखने के लिए यार्ड का जायजा लिया था। इसके बाद एक और दो नंबर पर आइसोलेशन कोच लगाने की बात कही गई थी। लेकिन, यार्ड में आइसोलेशन कोच खड़ी रहने से कई समस्याएं आ सकती है, दूसरे कई काम प्रभावित होंगे। यार्ड में ट्रेन लगाने की बात पर यहां कार्यरत रेल कर्मियों में दहशत हो गया था। इसके बाद रेलवे ने छह और पांच नंबर प्लेटफॉर्म पर सहमति जताई।

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