PATNA : बेरिएट्रिक सर्जरी कराने के लिए अब नहीं जाना होगा दूसरा प्रदेश, आईजीआईएमएस में सर्जरी शुरू, खर्च भी कम
पटना। अनहेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल के कारण मोटापा अब आम समस्या हो गई है। देश में 5 लोगों में से 1 मोटापे से ग्रसित है। मोटामा को कम करने के लिए लोग बेरिएट्रिक सर्जरी कराने दूसरे प्रदेशों में जा रहे हैं। लेकिन राहत वाली खबर है कि मोटापा से ग्रसित बिहार के लोगों अब बेरिएट्रिक सर्जरी कराने उन्हें दूसरे प्रदेशों का रूख नहीं करना पड़ेगा। आईजीआईएमएस राज्य का पहला ऐसा अस्पताल है, जहां ये सर्जरी हो रही है। शनिवार से यहां इसकी शुरूआत हो गई है। गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने सीतामढ़ी के 115 किलो के एक मरीज की सफलतापूर्वक सर्जरी की है। डॉ. साकेत ने बताया कि इससे पेट के आकार को कम किया जाएगा, जिससे मरीज को भूख कम लगेगी और मोटापा बढ़ाने वाले हार्मोन्स पर भी नियंत्रण होगा।
50-60 हजार रूपये का आएगा खर्च
हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया की अभी तक बिहार में बेरियाट्रिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसके लिए उन्हें बाहर जाना पड़ता था, जहां प्राइवेट हॉस्पिटलों में इस सर्जरी के 3-4 लाख रुपए खर्च हो जाते थे। जबकि आईजीआईएमएस में इसके लिए महज 50-60 हजार लग रहे हैं।
क्या है बेरियाट्रिक सर्जरी
बेरिएट्रिक सर्जरी वजन कम करने के लिए किया जाता है। मोटापा से परेशान लोग ये सर्जरी कराते हैं। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल और स्लीप एपनिया से ग्रसित लोगों के लिए ये काफी कारगर है। वैसे तो बेरिएट्रिक सर्जरी कई तरह के हैं, लेकिन सर्जन सामान्य तौर पर तीन का उपयोग करते हैं- रॉक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास, वर्टिकल स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी और लैप्रोस्कोपिक एडजेस्टेबल गैस्ट्रिक बैंडिंग। डॉ. मंडल ने कहा कि सर्जरी से पेट का आकार छोटा किया जाता है, जिसमें पाचन तंत्र भी शामिल रहता है। इसके बाद भूख कम लगने लगती है, जिससे लोग कम खाने लगते हैं। इससे उनका वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है। आपरेशन के एक दिन बाद मरीज खा सकते हैं और तीसरे दिन अस्पताल से घर जा सकते हैं। बेरिएट्रिक सर्जरी के बाद जीवनशैली में बदलाव लाना बहुत जरूरी हो जाता है। हेल्दी फूड हैबिट के साथ बैलेंस्ड लाइफस्टाइल से बीमारियों से छुटकारा मिलता है।