‘बी फूल एंड रुल’ पॉलिसी का गेम खेल रही है भाजपा : कांग्रेस

भागलपुर। राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस की सरकार को गिराने के लिए भाजपा के कई साजिशों का पर्दाफाश हो गया है। इसके ऊपर बिहार कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष सह एआईसीसी सदस्य प्रवीण सिंह कुशवाहा ने कहा है कि भाजपा को देश की भावनाओं एवं समस्याओं से जुड़े हुए मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं है। दरअसल पूर्व में अंग्रेजों की मुखबरी करने में महारत हासिल करने वाले इन भाजपाईयों की नीति उनकी तरह ही बी फूल एंड रुल पॉलिसी को अपनी नियती में शामिल कर सदैव चलती रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के चलते देश में रोजगार के अभाव में कई लोगों ने आत्महत्या की है। बढ़ती हुई बेरोजगारी के कारण बढ़ते हुए व्यापक अपराध पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो चुकी है। राज्यों में भय-भूख और हर जगह भ्रष्टाचार और अपराध का वर्चस्व कायम है। महंगाई, मुनाफाखोरी व कालाबाजारी इस कदर हावी है कि देश के हर राज्यों में तबाही मची हुई है। वहीं दूसरी तरफ केन्द्र के साथ-साथ अब देश के संपूर्ण राज्यों में सत्ता के सिंहासन को हथियाने के लिए ऐन-केन प्रकारेण हर संभव के षड्यंत्र एवं हथकंडे को वह अपना रही है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में खट्टर सरकार की गोद में बैठकर भाजपा ने कुछ नेताओं को चक्रव्यूह में फंसाने की कोशिश की, विधायकों की खरीद-फरोख्त के दौरान भाजपा के कई केंद्रीय मंत्रियों का आॅडियो वायरल होने के बाद उनके काले कारनामे अब देश की जनता के सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की कुत्सित राजनीति में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है, तो केंद्र सरकार से लेकर हरियाणा सरकार, इनकम टैक्स, ईडी, हरियाणा पुलिस, दिल्ली पुलिस कांग्रेस विधायकों को विशेष सुरक्षा चक्र देने तथा राजस्थान पुलिस की जाँच से अलग रखने को इतनी मशक्कत क्यों कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि इस मामले में जब गजेंद्र सिंह का नाम जब एफआईआर में आ गया और जब उनकी आवाज लोगों ने पहचान ली, तो फिर किस हैसियत से वे केंद्र सरकार के मंत्री पद पर बने हुए हैं? उन्होंने मंत्री गजेंद्र सिंह से इस्तीफे की मांग किया। प्रवीण ने कहा कि भाजपा ने राजस्थान में सरकार गिराने के लिए यदि कुछ नहीं किया है तो निष्पक्ष जांच से वह क्यों डर रही है? चुनाव आयोग द्वारा बिहार में चुनाव कराए जाने के निर्णय पर चिंता प्रकट करते हुए उन्होंने कोरोना काल के त्राहिमाम और इसे लेकर बिहार में हो रहे हाहाकार के मद्देनजर चुनाव आयोग को बिहार में चुनाव कराने की दिशा में एक बार पुन: स्वतंत्र होकर विचार करने का अनुरोध किया है।

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