बिहार सरकार ने श्रमिक कानून में किया संशोधन, ज्यादा काम-ज्यादा मेहनताना

पटना। बिहार में मजदूरों को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। बिहार सरकार ने श्रमिक कानून में बड़ा संशोधन का फैसला किया है। बिहार की नीतीश सरकार ने फैसले में कहा है कि प्रदेश में श्रमिक आठ घंटे के बजाय अब 12 घंटे तक काम कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें उसका भुगतान किया जाएगा। यह सुविधा फिलहाल तीन महीने के लिए ही है। कोरोना के कारण लॉकडाउन को देखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है।
राज्य के श्रम मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि श्रम कानून में बदलाव किया गया है जिसके तहत श्रमिकों के अधिक समय तक काम करने पर श्रमिकों को कंपनियां अतिरिक्त मेहनताना भी देंगी। श्रम कानून में इस बदलाव को जहां निवेशकों को फायदे की बात कही जा रही है, वहीं श्रमिकों को भी इसका आर्थिक लाभ ज्यादा होगा। श्रम मंत्री ने बताया कि इस बदलाव को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है और इसकार प्रस्ताव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास भेज दिया गया है।
बता दें देश के कुछ राज्यों ने श्रम कानून में बदलाव करते हुए कई फैसले लिए हैं, जिसकी वजह से बिहार सरकार पर भी दबाव था कि वो भी अपने श्रम कानून में बदलाव करे। बिहार में जो श्रम कानून में बदलाव हुआ उसके मुताबिक कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 5 और 62 (2) के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार में निबंधित सभी कारखानाओं के लिए राजपत्र में प्रकाशित होने की तीन माह के लिए धारा 65 की उप धारा 3 की कंडिका एक एवं तीन में प्रावधानों में निम्न छूट दिया जाना है।

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