बिहार : सरकारी कर्मियों को एक दिन छोड़कर काम पर बुलाने का आदेश, दो संदिग्ध मरीज फरार, नेपाल सीमा सील
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पटना। कोरोना वायरस को लेकर बिहार सरकार लगातार स्थिति पर नजरें बनाए हुई है। लोगों को इसके संक्रमण से बचाने के लिए पूरा सिस्टम जुटा हुआ है। संदिग्ध मरीजों की खबर मिलते ही स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ जा रही है। वहीं सड़कों पर कोरोना को लेकर कर्फ्यू सा नजारा देखने को मिल रहा है। हर कोई आशंकित दिख रहा है। इसी बीच बिहार सरकार ने रविवार को एक और बड़ा आदेश जारी किया है। नीतीश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को छोड़कर सभी सरकारी विभागों के तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को रोटेशन में एक दिन छोड़कर काम पर बुलाने का आदेश दिया है, मतलब एक दिन काम-एक दिन आराम। वहीं राज्य के दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से कोरोना के दो संदिग्ध मरीजों के भाग जाने से हड़कंप मच गया है। वहीं राज्य से लगी भारत-नेपाल सीमा भी सील कर दी गई है।
न्यूज एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने स्वास्थ्य विभाग को छोड़ सभी सरकारी विभागों के प्रमुखों को आदेश जारी कर तृतीय चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को एक दिन के अंतराल पर रोटेशन में बुलाने को कहा है।
बिहार से लगी नेपाल सीमा सील
राज्य सरकार ने एहतियाती कदम के तहत देश में चार पड़ोसी देशों से लगी सीमाएं सील कर दी है। बिहार में आज से नेपाल की सीमा से सामान्य आवागमन बंद कर दिया गया है। बिहार के रक्सौल स्थित सीमा पर बने चेक प्वाइन्ट से आवाजाही रोक दी गई है।
अस्पताल से भागे दो संदिग्ध मरीज
अब तक बिहार में कोरोना के 142 संदिग्ध मरीज मिले हैं, जिनमें से अधिकांश को आइसोलेशन वार्ड में रखने के बाद छुट्टी दे दी गई है। हालांकि, दरभंगा में दो संदिग्ध मरीजों के भाग जाने की खबर से हड़कंप मच गया है। दोनों डीएमसीएच में जांच के लिए पहुंचे थे। वहां संदिग्ध पाए जाने के बाद जब उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखने की प्रक्रिया चल ही रही थी कि मौका देखकर वे फरार हो गए।
हाई लेवल मीटिंग में लिए गए थे ये फैसले
बता दें शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने हाई लेवल बैठक में राज्य के सभी सरकारी व निजी स्कूल-कॉलेज व कोचिंग संस्थानों को 31 मार्च तक बंद रखने का फैसला किया गया था। साथ ही सभी सार्वजनिक हॉल, पार्क व चिड़ियाघर आदि भी बंद कर दिए गए हैं। सरकार ने सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है।


