December 8, 2025

बिहार विधान परिषद चुनाव: राजग के 5 प्रत्याशियों ने दाखिल किया नामांकन, भाजपा से 2 और जदयू से 3

पटना। बिहार विधान परिषद के लिए 9 सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए गुरुवार को एनडीए के पांचों प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किये। सीएम नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल की मौजूदगी में जदयू के जहां तीन तो भाजपा के दो उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया। बिहार विधानसभा के सचिव तथा इस चुनाव के निर्वाचन पदाधिकारी बखेश्वरनाथ पांडेय के समक्ष भाजपा प्रत्याशी संजय प्रकाश उर्फ संजय मयूख, सम्राट चौधरी और जदयू की ओर से प्रो. गुलाम गौस, कुमुद वर्मा और भीष्म साहनी ने अपना-अपना पर्चा दाखिल किया।


राजनीतिक परिवार से आती हैं कुमुद वर्मा
जदयू की ओर से प्रत्याशी बनाई गईं डॉ. कुमुद वर्मा राजनीतिक परिवार से आती हैं। वे 20 साल से जदयू से जुड़ी हैं। ससुर पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्रनाथ वर्मा जबकि पिता स्व. रामसेवक प्रसाद (गया) से मिली सीख की वजह से कामर्स में पीएचडी डिग्रीधारी श्रीमती वर्मा ने समाजसेवा का क्षेत्र चुना। पहले औरंगाबाद, पिछली बार जहानाबाद लोकसभा चुनाव में इन्हें टिकट मिलते-मिलते रह गया था। कुमुद वर्मा दल में प्रदेश सचिव रही हैं और अभी राष्ट्रीय परिषद की सदस्य हैं। इन्होंने कहा कि पार्टी ने जो मौका दिया है, उससे मेरी जिम्मेवारी और ज्यादा बढ़ गयी है।
चौथी बार विधान परिषद जायेंगे गुलाम गौस
प्रो. गुलाम गौस 1998 से लेकर 2010 तक तीन बार राजद कोटे से बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे हैं। वे विप में प्रतिपक्ष के नेता भी रहे हैं। अबकी चौथी बार जदयू की ओर से विधान परिषद जायेंगे। सन् 74 आंदोलन में सक्रिय रहे गुलाम गौस ने टिकट बंटवारे में सामाजिक न्याय की अनदेखी के विरोध में 2014 अप्रैल में राजद और विप की सदस्य से इस्तीफा दे दिया था और जदयू में शामिल हो गए थे। दो माह में ही उन्हें बीस सूत्री कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया गया और 26 माह इस पद पर रहे। उनकी एक जुझारू नेता की छवि है। अपने चयन पर प्रो. गौस ने जेपी आंदोलन के सिपाही को इज्जत देने के लिए नीतीश कुमार के साथ ही आरसीपी सिंह, बिजेन्द्र यादव और विजय चौधरी के प्रति आभार जताया।
भीष्म साहनी समता पार्टी से ही जुड़े हैं 
बगहा के रतनमाला निवासी भीष्म साहनी जदयू के एक मजबूत कार्यकर्ता हैं। समता पार्टी के समय से ही नेता और दल से जुड़े हैं। 2015 विधानसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर इन्होंने बगहा से चुनाव लड़ा था और 7100 वोट से हार गए थे। प्रदेश संगठन सचिव समेत कई जिलों के संगठन प्रभारी रहे हैं। अभी मोतिहारी जिले का संगठन देख रहे हैं। उन्होंने अपने चयन पर कहा कि जदयू के जमीनी कार्यकर्तार्ओं में खुशी की लहर है। नीतीश कुमार अतिपिछड़ों, वंचितों और जमीनी कार्यकतार्ओं की चिंता करते हैं।

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