मंगलवार को लगा था मुख्यमंत्री के लापता होने का पोस्टर, अब जदयू ने राजद को बताया गिद्ध तो खुद को कबूतर

पटना। जहां एक ओर सीएए और एनआरसी कानून को लेकर बिहार समेत पूरा देश जल रहा है। तो वहीं बिहार में पोस्टरवार का दौर भी शुरू हो गया है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जदयू कार्यालय के बाहर बुधवार को एक बड़ा पोस्टर लगाया गया जिसमें बिहार में जदयू ने 15 साल बनाम 15 साल के शासन को दिखाते हुए प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद पर निशाना साधा है। पोस्टर में राजद की तुलना गिद्ध से की गई है तो वहीं जदयू ने खुद को कबूतर, यानि शांति का प्रतीक बताया है। इतना ही नहीं पोस्टर में भय बनाम भरोसा लिखा गया है जिसमें भय के रूप में गिद्ध को रखा गया है तो वहीं भरोसे के ऊपर कबूतर को। बीच में जल-नल का प्रतीक नल भी दर्शाया गया है। पोस्टर में दिखाए गए चित्र के जरिये ये बताने की कोशिश की गई है कि नीतीश कुमार का शासन भरोसे का, विकास का शासन है तो वहीं राजद का शासन आतंक का रहा है।
पोस्टर पर राजनीति : जदयू द्वारा जारी किए गए पोस्टर को लेकर अब राजद और जदयू के बीच राजनीतिक जंग छिड़ता दिख रहा है। जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि राजद का 15 साल का शासन पति-पत्नी का शासन था, जहां लूट और भ्रष्टाचार के सिवा कुछ नहीं था। उन्होंने कहा कि इस पोस्टर में हमने राजद की तुलना गिद्ध से इसलिए की है क्योंकि कहा जाता है कि जिस घर पर गिद्ध बैठ जाता है वहां कोई तरक्की नहीं होती। ऐसा ही शासन बिहार में लालू और राबड़ी के बैठने के बाद रहा था।
राजद बोला- हताश है जदयू, नीतीश का हारना तय : वहीं राजद प्रवक्ता भाई बीरेंद्र ने पोस्टर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे जदयू द्वारा हताशा में उठाया गया कदम बताया है और कहा कि जदयू कितना भी पोस्टर वार कर ले, नीतीश कुमार का हारना अब तय है। बिहार की जनता अब समझ चुकी है कि बिहार में महिलाओं पर जैसा अत्याचार हो रहा है, उससे डर के सिवा और कुछ नहीं मिलने वाला है।
जदयू ने बनाया मुद्दा-15 बनाम 15 साल : अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में जदयू ने मुद्दा बना लिया है 15 बनाम 15 साल। लालू-राबड़ी के 15 वर्षों के शासनकाल में बिहार की क्या स्थिति थी और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले 15 वर्षों में यहां क्या हुआ, इस बारे में लोगों के साथ चर्चा होगी।
बता दें मंगलवार को पटना में सड़कों के किनारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लापता होने के पोस्टर जगह-जगह लगाए गए थे। इसे लेकर ये भी लग रहा है कि किसी ने साजिशन ये काम तो नहीं किया है? नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मुद्दों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एकमत नहीं। एनडीए के घटक दल जनता दल यूनाइटेड ने जहां नागरिकता संशोधन कानून पर सहमति दे दी है, वहीं एनआरसी पर विरोध जताया है। जेडीयू ने कहा है कि बिहार में यह लागू नहीं होगा। इसे लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान की प्रतीक्षा है।

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