बिहार चुनाव : शरद यादव की बेटी सुभाषिनी कांग्रेस में शामिल, कई नए चेहरे मैदान में
नई दिल्ली। बिहार चुनाव से पहले पार्टी बदलने का खेल ऊफान पर है तो इस बार कई नए चेहरे देखने को मिलने वाले हैं। जिससे समीकरण बनते बिगड़ते नजर आ रहे हैं। इस बार ऊंट किस करवट बैठेगा, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। हालांकि तमाम पार्टियां अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं।
इस बीच कभी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और अब लोकतांत्रिक जनता दल के कर्ताधर्ता शरद यादव की बेटी सुभाषिनी राज राव और लोजपा के महासचिव काली प्रसाद पांडे बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में उन दोनों नेताओं ने कांग्रेस का दामन थामा। कांग्रेस में सुभाषिनी के शामिल होने के बाद चर्चा जोरों पर है कि मधेपुरा जिले की बिहारीगंज विधानसभा सीट से वे कांग्रेस की उम्मीदवार हो सकती हैं। जबकि उत्तर बिहार के बाहुबलियों में शुमार काली पांडे पहले ही बिहार के कुचायकोट निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने दोनों का स्वागत करते हुए कहा कि महागठबंधन राज्य में और मजबूत होगा।
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सुभाषिनी राव ने कहा कि उनके पिता शरद यादव बीमारी के कारण बिहार में चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं ले पाए हैं। शरद यादव मधेपुरा से सांसद रह चुके हैं। शरद यादव की तबीयत पिछले दिनों खराब थी। वह हाल ही में एम्स से डिस्चार्ज होकर घर लौटे हैं। शरद जब एम्स में भर्ती थे तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार फोन कर उनका हालचाल जाना था। तब सुभाषिनी राज राव ने सार्वजनिक रूप से उनके प्रति आभार प्रकट किया था। इसके बाद अटकलें लगने लगी थीं कि शरद की जदयू में वापसी हो सकती है, लेकिन अब तमाम कयासों पर विराम लग गया है।
बताते चलें कि अगस्त 2017 में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में शरद यादव को जदयू से निकाल दिया गया था। इसी के बाद उन्होंने लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) का गठन किया। 2019 के लोकसभा चुनाव में वे महागठबंधन का हिस्सा थे और इसी के बैनर तले मधेपुरा से चुनाव भी लड़े लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।


