बिहार चुनाव : नीतीश के तिलिस्म को तोड़ने के लिए कांग्रेस ने फेंका नया पासा, जब सवालों में घिरी सुष्मिता देव

पटना। बिहार चुनाव में मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए विभिन्न राजनीतिक पार्टियां तरह-तरह के दावे-वादे करते नहीं थक रही। इस दौरान कांग्रेस ने महिलाओं से संबंधित मुद्दा उठाकर नीतीश सरकार को परेशानी में डाल दिया है। बता दें जदयू को महिला मतदाताओं को लेकर आस है, क्योंकि नीतीश सरकार ने महिलाओं की आवाज पर ही राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी। लेकिन उस तिलिस्म को तोड़ने के लिए कांग्रेस ने नया पासा फेंका है। कांग्रेस नेत्री ने दावा किया है कि बिहार में महागठंबधन की हवा चल रही है। सरकार बनने पर कांग्रेस ने महिलाओं के लिए जो घोषणाएं की हैं उन्हें लागू किया जाएगा। महिला किसानों को पुरुषों जैसी सुविधा, जमीन निबंधन महिलाओं के नाम पर करने जैसे कार्य होंगे।
शनिवार को पटना में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला सुरक्षा उनके विकास को मुद्दा जरूर बनाया पर उनके लिए किया कुछ भी नहीं। यह स्थिति तब है जब बिहार में अकेले 3.4 करोड़ महिला मतदाता हैं। नीतीश सरकार और प्रधानमंत्री जो बेटी बचाओ का नारा देते हैं उन्होंने महिलाओं-बच्चियों के लिए कुछ नहीं किया। बिहार में स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और कुपोषण के मामले में महिलाओं की स्थिति बेहद खराब है। स्कूलों में महिलाओं के लिए शौचालय नहीं हैं। जिस वजह से स्कूलों में बच्चियों का ड्रॉपआउट रेट बहुत ज्यादा है। बिहार में पीएम मोदी का स्वच्छ भारत अभियान फेल हो चुका है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पहले अपनी सभाओं में जीविका दीदी की बात करते थे, पर अब जीविका दीदी ही नीतीश कुमार का विरोध कर रही हैं। उन्हें ना तो समय पर मानदेय मिलता है, ना ही दूसरी कोई सुविधाएं। नीतीश कुमार जीविका दीदियों को अधिकार नहीं देना चाहते हैं।
जब एक सवाल पर घिरीं सुष्मिता….
इस बीच सुष्मिता देव ने जदयू को पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को टिकट देने पर घेरा। लेकिन जब सुष्मिता देव से राजद के राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी को टिकट देने के मामले में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यदि किसी भी दल ने ऐसा किया है तो इसका फैसला जनता करेगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दुष्कर्मी की सजा उसकी पत्नी को देना न्यायोचित नहीं। उन्होंने इस विषय को डिवेट का विषय कहकर टाल दिया। यह भी स्वीकारा कि पॉलिटिकली इस सवाल का जवाब नहीं दे सकतीं। बात बढ़ती देख कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेस खत्म कर दिया। बता दें दो दिन पहले अलका लांबा भी बिल्कुल ऐसे ही सवालों से घिरी थीं, उन्हें भी आनन-फानन में प्रेस कांफ्रेंस खत्म करना पड़ा था।
संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा, प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर, रिसर्च विंग के आनंद माधव के साथ ही प्रदेश महिला कांग्रेस की कई नेत्री मौजूद रहीं।

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