बिहार के विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित, बरती जा रही चौकसी
गंडक नदी का जलस्तर 5,00,000 क्यूसेक तक जाने की संभावना

पटना। वीडियो कॉंन्फ्रेसिंग के माध्यम से मीडिया को संबोधित करते हुए जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।
सचिव संजीव हंस ने बताया कि गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र के 22 स्टेशनों का विश्लेषण किया गया है, जिसके अनुसार गंडक का डिस्चार्ज इस सीजन का सबसे ज्यादा आज सुबह 10 बजे 4,36,500 क्यूसेक था। इसके बाद इसमें गिरावट दर्ज की गई है और अभी डिस्चार्ज लगभग 4,16,000 क्यूसेक पर स्थिर है। इसको लेकर बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, छपरा और वैशाली के जिला प्रशासन को अलर्ट किया गया है। आज शाम 6 बजे से गंडक नदी का जलस्तर फिर से बढ़ने की संभावना है। गंडक नदी का जलस्तर 5,00,000 क्यूसेक तक जाने की संभावना है। इसको लेकर सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। बूढ़ी गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भी काफी बारिश हुई है। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। इसके अलावा बागमती और अधवारा समूह की नदियों में भी पिछले 24 घंटे में काफी अधिक बारिश हुई है। 10 स्टेशनों में से 4 स्टेशन पर लगातार दूसरे दिन अधिक बारिश हुई है। इसको लेकर सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और खगड़िया जिले को अलर्ट किया गया है। कमला बलान नदी के क्षेत्र में भी पिछले 24 घंटे में काफी बारिश हुई है। कोसी नदी के क्षेत्र में भी पिछले 24 घंटे में फिर से बारिश हुई है। उन्होंने बताया कि अगले 24 घंटे में बिहार के कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। राज्य में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित हैं, सतत निगरानी एवं चौकसी बरती जा रही है।
एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीम प्रतिनियुक्त
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए विभाग पूरी तरह से सतर्क है। गंडक नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में अधिक वर्षा हुई है जिसे ध्यान में रखते हुए पश्चिम-पूर्वी चम्पारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सारण को अलर्ट कराया गया है। बेतिया, गोपालगंज, छपरा, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी में पहले से ही एक-एक एनडीआरएफ की टीम प्रतिनियुक्त है। इसके अलावा मुजफ्फरपुर एवं वैशाली में एक-एक एसडीआरएफ टीम की तैनाती की गयी है। गोपालगंज में एनडीआरएफ की दो टीम, छपरा, बेतिया एवं मोतिहारी में एक-एक टीम की तैनाती की गयी है। एसडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम भी मोतिहारी में लगायी गयी है। पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण में लोगों को निष्क्रमित करने की भी कार्रवाई की जा रही है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 8 जिले सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज एवं पूर्वी चंपारण के कुल 34 प्रखंडों की 190 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहां आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। सुपौल में 02 और गोपालगंज में 03 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जहां कुल 1,075 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि गोपालगंज में 09, सुपौल में 02, पूर्वी चंपारण में 12 और दरभंगा में 23 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं। इस प्रकार कुल 46 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 36,293 लोग भोजन कर रहे हैं।

