बिहार की मुस्लिम संस्थाओं की ओर से नागरिकता संशोधन कानून 2019 और एनआरसी को लेकर नीतीश कुमार को सात मांगों का मेमोरंडम सौंपा
फुलवारी शरीफ । बिहार की मुस्लिम संस्थाओं की ओर से एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून 2019 के संबध में बिहार के मुख्य मंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से भेंट कर के सात मांगो का मेमोरंडम सौंपा । मेमोरंडम में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन बिल 2019 संसद के दोनों सदनों से पास हो कर अधिनियम बन चुका है । हम सब की आशा के विपरीत और अपनी पार्टी के आदर्शों एवं सेकुलर छवि को परे रख कर आप की पार्टी ने दोनों सदनों में इस असंवैधानिक और धार्मिक भेदभाव पर आधारित बिल का समर्थन किया । जिस से हम सभी सेकुलर बिहावासी बहुत आहत हैं। आप ने खुद देखा कि इस बिल के पास होते ही पूरा देश सड़कों पर पूरे देश में विरुद्ध प्रदर्शन हो रहा है सारा विपक्ष एकजुट हो कर इस अधिनियम के विरोध में खड़ा है। देश के 32 विश्वविद्यालयों के सभी वर्ग और धर्म के विद्यार्थी, सिविल सोसाइटि, धार्मिक संगठन, वकील, साहित्यकार, बॉलीवूड के अभिनेता, बुद्धिजीवी, और आम नागरिक इस का विरोध कर रहे हैं अब तो विरोध की आवाज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गूंजने लगी है संयुक्त राष्ट्र, दुनिया के प्रसिद्ध विश्व विद्यालय जैसे कैम्ब्रिज, ऑक्सफोर्ड से भी आवाज उठ रही है। अंतराष्ट्रीय मीडिया इस अधिनियम को नफरत फैलाने वाला एवं भेदभाव से भरा हुआ और भारतीय संविधान का विरोधी बता रहा है, वाशिंगटनपोस्ट, न्यूयार्क टाइम्स जैसे अंतार्राष्ट्रीय समाचारपत्र में इस अधिनियम कि निंदा की जा रही है एवं इस का विरोध कर रहे छात्रों के साथ पूलिस ने जो बर्ताव किया उस की चारों तरफ थू थू हो रही है। इतना सब कुछ होने के बावजूद केंद्र सरकार की आँख नहीं खुल रही है और वह कानों में तेल डाल कर और आँखों पर पट्टी बांध कर बैठी है और बड़ी ढिठाई के साथ कह रही है कि वह इस पर पुनर्विचार करने को तैयार नहीं है । जब कि देश के सभी नागरिक महसूस कर रहे हैंकि इस कानून से देश की एकता खतरे में पड़ चुकी है । नागरिकता संशोधन कानून संविधान के धारा 14,15,21 एवं 25 के विपरीत है भारतीय समाज पर इस का बुरा असर पड़ेगा ।इस से भारत के असली नागरिकों के अधिकार प्रभावित होंगे विशेष कर रोजगार और शिक्षा आदि के अवसर पर बहुत बुरा असर होगा । इसकी जानकारी इमारत शरिया में कार्यवाहक नाजिम इमारत शरिया मौलाना शिबली अल कासमी ने पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया की सीएम से मुस्लिम संगठनों के प्रत्निधिमंडल ने कई मांगे की है जिनमे
1. आप की पार्टी केंद्र सरकार पर इस कानून पर पुनर्विचार कर के इस को वापस लेने का दबाव बनाए। जदयू बी जे पी की अहम सहयोगी पार्टी है इस लिए आशा है कि आप के दबाव का केंद्र सरकार पर असर होगा।
2. संभावित एनआरसी जिस का गृह मंत्री बार बार चर्चा कर रहे हैं कि वह पूरे देश में लागू करेंगे इस की वजह से देश के सभी आम नागरिक डरे हुए हैं आम तौर पर गरीब नागरिकों के पास प्रयाप्त डॉकुमेंट्स नहीं हैं ऐसे लोगों पर एनआरसी से बाहर रह जाने और अपने भविष्य को लेकर चिंता है । हालांकि आप की ओर से आश्वासन दिया जा रहा है कि आप अपने राज्य में एनआरसी लागू नहीं होने देंगे लेकिन आप का पिछला स्टैंड देख कर बिहार वासी असमंजस की स्थिति में है और विश्वास नहीं कर पा रहे हैं । इस लिए एनआरसी के संबंध में अपना स्टैंड साफ कीजिए और केंद्र सरकार को मजबूर कीजिए कि वह एनआरसी को न ले कर आए ।
3. अप्रैल 2020 से एनपीआर का ऐलान किया गया है इस के संबंध में भी लोग भय में हैं कि न जाने इस में कौन से डॉकुमेंट्स जमा करने पड़ेंगे। हालांकि एनआरसी इस से पहले भी हुआ है मगर इस बार स्थिति बदल गई है ।
4. अभी देश भयंकर आर्थिक संकट से गुजर रहा है , मंहगाई , बेरोजगारी, बलात्कार की बढ़ती घटनाएँ , शिक्षा , स्वास्थ्य जैसी बुनयादी समस्याओं पर सरकार का ध्यान नहीं है । इस लिए आप से आग्रह है कि आप केंद्र सरकार का ध्यान इन महत्वपूर्ण एवं बुनियादी मुद्दों की तरफ दिलाएँ । आर्थिक मंदी से उबरने, बेरोजगारी समाप्त करने एवं महंगाई को कम करने के लिए प्रयाप्त कदम उठाने के लिए केंद्र सरकार को बाध्य करें।
5. राज्य के जो छात्र छात्राएँ एवं युवा संविधान एवं कानून के दायरे में रहते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं उन पर एफ आई आर दर्ज किए जा रहे हैं एवं उन की गिरफ्तारी कि जा रही है उन को उपद्रव एवं कानून तोड़ने के झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है । पूलिस की बर्बर कार्यवाई की कड़ी निंदा करते हुए मांग की गयी की जिन युवाओं की गिरफ्तारियाँ हुईं हैं उन को छोड़ा जाए और बेकसूर युवाओं से केस समाप्त कर के उन के नाम को एफ आई आर से शीघ्र हटाया जाए ।
6. देश को बांटने वाले, भारत की गंगा जमुनी सभ्यता एवं संस्कृति और देश की अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाले केंद्र सरकार के किसी कदम का समर्थन न करें हम ऐसी अपेक्षा आप से और आप की पार्टी से करते हैं ।
7. नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 एवं एनआरसी के विरोध में जो भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन कानून के दायरे में रहते हुए हो रहे हैं राज्य सरकार उन सभी को अपना नैतिक समर्थन दे एवं उस को सुरक्षा प्रदान करे।
मुस्लिम संस्थानाओं में इमारत ए शरियत बिहार, ओड़ीशा एवं झारखंड के अमीर-ए- शरीयत हजरत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी , नाजिम-ए- आला जमीयत-उलमा-ए- बिहारअलहाजहुस्न अहमद कादरी ,इमारत ए शरिया के कार्यवाहक महासचिव मौलाना मो शिबली अल कासमी, अमीर-हल्का-ए- बिहार जमात-ए-इस्लामी हिन्द मौलाना रिजवान अहमद इसलाही, सचिव मजलिस-उलमा वल खुतबा इमामिया मौलाना सैयद अमानत हुसैन , अध्यक्ष तंजीम अइम्मा- ए- मसाजिद बिहार मौलाना एजाज करीम , सचिव मजलिस मुशावरत जमीयत उलमाए हिन्द बिहार अनवारुल होदा, अमीर जमीयत अहले हदीस बिहार अमीर जमीयत अहले हदीस बिहार शामिल थे ।


