बिहार : एक कोरोना पॉजिटिव मरीज ने तीन जगहों को कराया सील, जानिए कैसे

पटना/फतुहा/वैशाली। पटना एम्स में कोरोना जांच शुरू होने के पहले दिन बुधवार को पांच मरीजों में से एक मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आया। रिपोर्ट आने के बाद एम्स प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गई है। जिस व्यक्ति का कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आया है, वह वैशाली के राघोपुर का रहने वाला है और उसकी उम्र 35 साल है, लेकिन जो खबर अब सामने आयी है वह बिहार सरकार के लिए चिंता की बात है।
बता दें गुरूवार को हाजीपुर के बाद बक्सर में कोरोना का खुला खाता है। बक्सर में पहली बार में 2 कोरोनो पॉजिटिव मिले हैं। जिसके बाद बिहार में कोरोनो पॉजिटिव मरीजों की संख्या 74 जा पहुंची है। ये दोनों 67 और 35 साल के हैं और बक्सर जिले के हैं। ये आसनसोल से बक्सर आये थे। दोनों तबलीगी जमात से जुड़े हैं।
मिली जानकारी के अनुसार राघोपुर (वैशाली) के जिस व्यक्ति में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, उस व्यक्ति का 23 मार्च से लेकर चार-पांच दिनों तक खुशरूपुर के गनीचक के एक निजी अस्पताल में इलाज हुई थी। इस दौरान बांसटाल चौराहा के उसके कई लोग उनसे मिले थे। एक-दो ओझा ने भी उसकी झाड़ फूंक की थी। यहां के बाद उसकी पटना के निजी अस्पताल में भी इलाज हुआ था। ये सब पीड़ित की केस हिस्ट्री से पता चला है। 15 मई को मामला सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया है। प्रशासन के लिए वैशाली से खुशरूपुर, फतुहा होते हुए पटना तक बने कोरोना चैन को खंगालने में प्रशासन जुट गई है। वहीं प्रशासन ने त्वरित ऐतिहाती कदम उठाते हुए कोरोना मरीज के वैशाली स्थित उसके घर के तीन किमी परिधि को सील करते हुए खुशरूपुर के गनीचक स्थित अस्पताल और पटना के बाईपास स्थित पॉपुलर नर्सिंग होम को सील कर दिया गया है और सेनिटाईज किया जा रहा है। जिससे खासकर वैशाली, खुसरूपुर और पटना के लोगों में दहशत समा गया है।


बताया जाता है कि उस कोरोना पॉजिटिव मरीज राघोपुर पूर्वी, थाना-जुड़ावनपुर, प्रखंड- राघोपुर, जिला- वैशाली का रहने वाला है। जिला स्वास्थ्य समिति, वैशाली के जिला कार्यक्रम प्रबंधक के अनुसार कोरोना पॉजिटिव मरीज बीते 2 वर्ष से अधिक समय से राज्य से बाहर की कोई यात्रा नहीं की है, वह लगातार बीमार चल रहा हैं। ऐसे में उस व्यक्ति को कोरोना पॉजिटिव पाये जाने से सरकार के माथे पर चिंता गहरा दी है। उक्त व्यक्ति की हालत में सुधार न होने पर उसके सहोदर भाई, चचेरे भाई ने बीते 23 मार्च को नाव द्वारा वैशाली से पटना जिला के खुसरूपुर स्थित सेंट्रल हॉस्पिटल में इलाज हेतु लाया, यहां उसका चार से पांच दिनों तक इलाज चला, उसके बाद उसे वापस नाव से ही राघोपुर ले जाया गया। बताया जाता है कि उन्हें देखने के लिए सहोदर भाई, चचेरे भाई व पत्नी आते थे। इसके अलावा खुसरूपुर में रहने वाले उनके करीबी भी मिलने क्लिनिक आते रहते थे। परिजनों के अनुसार जब कोरोना पॉजिटिव मरीज की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो गांव के दो भगत द्वारा उक्त पॉजिटिव व्यक्ति का झाड़ फूंक भी कराया गया। उसके बाद झाड़ फूंक करने वाले भगत के तीन पुत्र, सिपाही, दरोगा उक्त मरीज से मिलने आते थे। इसके अतिरिक्त गांव के अन्य लोग भी हालचाल पूछने घर आते रहते थे।
इस बीच उक्त कोरोना पॉजिटिव मरीज को पुन: 3 अप्रैल को चिकित्सीय जांच हेतु पटना के न्यू बाईपास रोड स्थित पॉपुलर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इसके लिए गांव के ही ग्रामीण चिकित्सक एक सफेद बोलेरो से लेकर पहुंचे। इलाज के दौरान उक्त मरीज की 5 अप्रैल को मीठापुर बस स्टैंड स्थित बंगाली टोला में सोना डायग्नोस्टिक में जांच कराया गया, साथ ही 4 अप्रैल को राजेंद्र नगर पुल के पास डॉक्टर कॉलोनी स्थित मैक्स लाइफ डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर में भी जांच हुआ। उसके बाद 7 अप्रैल को पॉपुलर हॉस्पिटल से उक्त व्यक्ति को डिस्चार्ज कर दिया गया और डिस्चार्ज के उपरांत ग्रामीण चिकित्सक ने कच्ची दरगाह से एक निजी एंबुलेंस को बुलाकर वापस वैशाली स्थित राघोपुर घर ले आए। फिर 14 अप्रैल को ग्रामीण चिकित्सक नन्हक राय के द्वारा गांव के बोलेरो वाहन को किराए पर लेकर कोरोना पॉजिटिव मरीज को पटना एम्स ले जाया गया। इस दौरान मरीज के साथ उनकी पत्नी, मां और भाई शामिल थे। इस बाबत जिला स्वास्थ समिति, वैशाली ने कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आने वाले उनके संभावित रिश्तेदार की भी जानकारी दी है।

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