बिहटा से कटिहार के लिए पैदल चले 25 मजदूर, बिहटा एयरपोर्ट पर करते थे मजदूरी

खगौल। कोरोना वायरस की मार से रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों, रिक्शा चालक के साथ और भी कई तरह के लोगों को भूखमरी की मार पड़ने लगी है। कोरोना के डर से छुपे घरों में लोगों को भूख की मार ने घर से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया है। दानापुर रेलवे स्टेशन से लगभग 25 की संख्या में लोग झुंड बनाकर पैदल जा रहे थे। बिहार दैनिक यात्री संघ के सचिव शोएब कुरैशी ने जब इन से जानकारी ली तो पता चला कि यह लोग बिहटा से पैदल चल कर कटिहार जा रहे हैं और कहा कि हमलोग कई दिनों से भूखे हैं। हमलोग बिहटा एयरपोर्ट पर मजदूरी का काम करते हैं। जितना दिन काम किया, उतनी दिन की मजदूरी मिली और उसके बाद ठेकेदार हमलोगों को भूखे मरने के लिये छोड़ दिया और मोबाइल भी बंद कर दिया। हमलोगों को कोई देखने वाला भी नहीं है। भूखे मरने से अच्छा है घर पैदल चले जायें। कोरोना से कम भूख से ज्यादा परेशान हैं हमलोग। मजदूरों में अर्जुन, पंचम, सत्तन आदि ने कहा कि सरकार ऐसे लोगों के लिए न भोजन का इंतजाम किया है, न बस का। इस पर शोएब कुरैशी, मस्जिद के अध्यक्ष मो. गयासुद्दीन और आदम परवेज ने मांग किया कि अगर हालात जल्द बेहतर हो जाये तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नगर बस सेवा और रेल मंत्रालय से लोकल ट्रेन परिचालन शुरू करने की मांग किया।
