बजट सत्र : वाम दलों के विधायकों पर भड़के सीएम नीतीश, धान अधिप्राप्ति पर सरकार-विपक्ष के बीच नोंकझोक

पटना। बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने नए सदस्यों को नियमावली को ध्यान में रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नाम पुकारे जाने पर अपनी जगह पर खड़े होकर बोलें। साथ ही सभी अपनी जगह पर बैठें। उन्होंने नए सदस्यों को धैर्य रखकर कार्यवाही को समझने की भी सलाह दी। वहीं कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने विधानसभा में हंगामा करना शुरू कर दिया। नारेबाजी कर रहे वाम दलों के विधायकों पर सीएम नीतीश कुमार भड़क गए। कार्यवाही के दौरान सीएम नीतीश ने कहा कि पहली बार 12 सीट मिली है। गलत काम मत कीजिए। वहीं इस दौरान उन्होंने बिना मास्क पहने सदन के सदस्यों से मॉस्क पहनने की अपील की। नीतीश कुमार की अपील के बाद विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मॉस्क पहना। वहीं पहली बार जीतकर विधानसभा पहुंची भाजपा विधायक श्रेयसी सिंह भी मॉस्क लगाते नजर आईं।

सरकार और विपक्ष के बीच नोंकझोक
इससे पहले धान अधिप्राप्ति की तारीख बढ़ाने को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच नोंकझोक हुई। राजद विधायक सुधाकर सिंह ने धान खरीद की तारीख 25 मार्च तक बढ़ाने की मांग की। जवाब में सहकारिता मंत्री अमरेंद्र प्रताप ने कहा कि अब तारीख नहीं बढ़ाई जा सकती है। इसके बाद तेजस्वी यादव ने किसानों के मुद्दे पर सहकारिता मंत्री से इस्तीफे की मांग कर दी।
धान अधिप्राप्ति की तारीख अब नहीं बढ़ेगी
सदन के बाहर अमरेंद्र प्रताप ने कहा कि उनकी समझदारी को चुनौती नहीं दे सकता। धान अधिप्राप्ति की तिथि 25 मार्च तक बढ़ाने की मांग पर मंत्री अमरेंद्र प्रताप ने कहा कि 21 फरवरी तक 35.59 लाख मैट्रिक धान से अधिक धान खरीद हुई है, धान अधिप्राप्ति की तारीख अब नहीं बढ़ाई जाएगी। बिहार में अब तक सबसे ज्यादा धान की खरीद हुई है। किसानों के पास अब धान नहीं है, मिलर और बिचौलियों को फायदा पहुंचाने के लिए अब धान अधिप्राप्ति की तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी।
बिहार का पेट कैसे भरेगा
वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार और धान नहीं खरीद सकती, इस वजह से सरकार धान खरीद की तारीख नहीं बढ़ा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार एमएसपी पर धान नहीं खरीद सकती है तो बिहार का पेट कैसे भरेगा। इससे पहले राजद विधायक भाई बीरेंद्र ने आसन की ओर उंगली दिखाई तो विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा भड़क गए। उन्होंने कहा कि सदन के सदस्य को आसन की ओर उंगली नहीं दिखानी चाहिए। इसके बाद राजद विधायक ने उंगली नीचे कर ली।
टीचरों की नियुक्ति का मामला उठाया
तेजस्वी ने टीचरों की नियुक्ति का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आॅर्डर के बावजूद नियुक्ति पत्र अभी तक नहीं दिया गया है। कोरोना के दौरान भारी घोटाला हुआ है। फर्जी नंबर से जांच हो रही थी। 35 हजार एंटीजन टेस्ट किट पूर्णिया से गायब हो गया। क्वारेंटाइन सेंटर को लेकर 2.5 सौ करोड़ का घोटाला हुआ है। दिल्ली में आंदोलन कर ढाई सौ से ज्यादा किसान शहीद हो गए। लेकिन मुख्यमंत्री ने शोक नहीं जताया।
अनुमंडल स्तर पर खोले जा रहे डिग्री कॉलेज
वहीं, राजद विधायक विधायक समीर महासेठ के सवाल पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि प्रथम चरण में जिन अनुमंडल में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है, वहां कॉलेज खोले जाएंगे। 10 अनुमंडल में पहले ही डिग्री कॉलेज खोले गए हैं। छात्रों की संख्या बढ़ने पर आगे भी कॉलेज खोले जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कॉलेज खोलने में भूमि की समस्या आती है। लेकिन सरकार समाधान कर रही है। सरकार शिक्षा में गुणवत्ता पूर्ण सुधार कर रही है। बिहार के 80 हजार बच्चे निजी कोचिंग संस्थान में बाहर पढ़ने जाते हैं। यहां भी कई अच्छे संस्थान हैं। कोटा-हैदराबाद जाने वाले ही सिर्फ सफल हो रहे हैं, ऐसा नहीं है। पटना के बच्चे भी अलग-अलग क्षेत्रों में बढ़ियां कर रहे हैं।
इंडिया इनोवेशन इंडेक्स 2020 का हुआ जिक्र
विधानसभा में इंडिया इनोवेशन इंडेक्स 2020 के अनुसार बिहार के शैक्षणिक स्तर का स्कोर सबसे नीचे 35.24 होने का मामला भी विधानसभा में उठा। इसके जवाब में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि 8385 पंचायतों में उच्चमाध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की गई है। शिक्षकों के लिए परीक्षा ली जा रही है, न्यायालय ने जो बहाली की प्रक्रिया रोकी है। उसके लिए भी अनुमति ली जा रही है। 2017-18 में 2000 माध्यमिक और 4000 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रयोगशाला की स्थापना कराई गई है। शिक्षा के क्षेत्र में लगातार काम हो रहा है। इसका परिणाम भी दिखने लगा है। अब बच्चे फर्स्ट आ रहे हैं, सेकंड आने वाले छात्रों की संख्या घटी है। तीन नए विवि खोले गए हैं। पाटलिपुत्र, पूर्णिया और मुंगेर में विवि खोले गए हैं।
बोले तेजस्वी, सरकार बताए कितने स्थाई और कितने नियोजित शिक्षक हैं
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शिक्षा मंत्री के जवाब पर बोलते हुए कहा कि 15 साल में शिक्षा की गुणवत्ता खत्म कर दी गई है। स्कूल में शिक्षक नहीं है। सरकार इसके लिए क्या कर रही है। सरकार को बताना चाहिए कि कितने स्थाई शिक्षक हैं और कितने नियोजित शिक्षक हैं। वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने बच्चों को किताब उपलब्ध कराने और दूरदर्शन से पढ़ाई का मामला उठाया। इसका जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि कोरोना में बच्चों को पढ़ने के लिए किताब को वेबसाइट पर अपलोड कराया गया है। किताब के लिए डीबीटी के माध्यम से बच्चों के खाते में राशि दी गयी है। जिससे बचे खुद बाजार से किताब खरीदते हैं।
फसल बर्बाद होने पर मुआवजे का उठा मुद्दा
विधायक कुंदन कुमार ने नीलगाय से फसल बर्बाद होने पर मुआवजे का मामला उठाया। इसका जवाब देते हुए पर्यावरण मंत्री नीरज सिंह ने कहा कि यदि जंगली जानवर फसल बर्बाद करते है तो उन्हें प्रति हेक्टेयर 25 हजार मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नीलगाय को घोड़पडास बोला जाए। साथ ही बताया कि घोड़पडास जंगली जानवर की श्रेणी में तो है, लेकिन इनके बर्बादी पर कोई मुआवजा नहीं है।