बजट सत्र : भोजपुरी भाषा को लेकर प्रेमचंद्र मिश्रा और बिजेंद्र यादव के बीच हुई तल्ख बहस, कैंटीन कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

पटना। बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान विधान परिषद में कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने संकल्प लाया कि भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार भारत सरकार से अनुशंसा करें। इसके जवाब में मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि 12 जनवरी 2006 को ही बिहार सरकार अनुशंसा कर चुकी है। अब इस मामले को संसद में उठाया जाना चाहिए। इसको लेकर प्रेमचंद्र मिश्रा और बिजेंद्र यादव के बीच तल्ख बहस हुई। भाजपा के एमएलसी सच्चिदानंद राय ने भी प्रेमचंद मिश्रा का समर्थन किया। कांग्रेस एमएलसी ने दोबारा अपनी मांग रखते हुए कहा कि भारत सरकार को रिमाइंडर भेजी जानी चाहिए। लेकिन रिमाइंडर भेजने की बात पर बिजेंद्र यादव तैयार नहीं हुए। इसके बाद वोटिंग कराई गई और संकल्प को अस्वीकार कर दिया गया।
सभापति ने की कमेटी बनाने की घोषणा
बिहार विद्यापीठ में अतिक्रमण को लेकर कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने उठाया। मंत्री आलोक रंजन के जवाब से असंतुष्ट होने के बाद कमेटी बनाकर जांच कराने की मांग की गई। इसका सत्ता पक्ष के भी कई एमएलसी ने समर्थन किया। सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि पिछली बार सदन की कमेटी बिहार विद्यापीठ के लिए बनी थी। इसके कई सदस्य रिटायर हो गए और अब तक रिपोर्ट सदन के पटल पर नहीं आ सकी। सदस्यों ने मांग की कि कमेटी का समय निर्धारित कर दिया जाए। इस पर अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि कमेटी के लिए समय निर्धारित रहता है लेकिन वह अपनी गति से चलती रहती है और समय बढ़ता रहता है। इसके बाद सभापति ने बिहार विद्यापीठ के लिए नई समिति बनाने की घोषणा की।
कैंटीन कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
वहीं विधान परिषद के कैंटीन कर्मचारियों ने परिषद परिसर में जमकर हंगामा किया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए आत्मदाह करने की धमकी दी। वे सेवा नियमित करने की मांग कर रहे थे। विधान परिषद के मार्शल और सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारी कैंटीन कर्मचारियों को गेट के बाहर खदेड़ दिया।

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