फतुहा श्मशान घाट : जहां लगता था हजारों लोगों का मेला, वहां पसरा है सन्नाटा

फतुहा (भूषण प्रसाद)। लॉक डाउन के कारण फतुहा में कुछ बदला है तो वह है फतुहा समसपुर का श्मशान घाट। इस श्मशान घाट पर प्रतिदिन हजारों लोग अपने परिजनों के अंत्येष्टि करने के लिए आते थे। यहां की दुकानें हमेशा गुलजार रहा करती थी। होटल वाले की चांदी रहती थी। लेकिन लॉक डाउन के कारण यहां की दुकाने बंद तो है ही, साथ ही घाट पर भी मरघट्टी सन्नाटा पसरा हुआ है। नवादा, नालंदा, जहानाबाद, मसौढी व धनरुआ क्षेत्र से लोग सैकड़ों की उपस्थिति में अपने परिजन के अंत्येष्टि के लिए यहां आते थे। औसतन प्रतिदिन 70 से 80 मृत लोगों की इस घाट पर चिताएं सजती थी, वहीं अब मुश्किल से औसतन चार से पांच लोगों के शव ही जलाए जा रहे हैं। शव के साथ आने वाले लोगों की संख्या भी नाम मात्र की होती है। शव के साथ आने वाले वाहनों की जहां इस सड़क मार्ग पर लंबी कतारें लगी रहती थी, वहां भी आज सन्नाटा पसरा हुआ है। लकड़ी बेचने वालों ने बताया कि लॉक डाउन के कारण वाहनों के परिचालन नहीं होने से लकड़ी की कमी हो गई है। वहीं दैनिक मजदुरी पर काम करने वाले डोम राजा राजड कुमार ने बताया कि लॉक डाउन के कारण लोगों के काफी संख्या में नहीं आने से रोजगार भी प्रभावित हुआ है। कमाई न के बराबर रह गया है। फिर भी लोग उस दिन का इंतजार कर रहे हैं कि लॉक डाउन के बाद एक बार फिर से यह श्मशान घाट गुलजार होगी।
