प्रवासी मजदूरों को विधि व्यवस्था के लिए खतरा बताना शर्मनाक : जापलो

पटना। बिहार पुलिस के एडीजी (लॉ एंड आर्डर) अमित कुमार के द्वारा जारी किए गए पत्र, जो सूबे के सभी डीएम-एसपी को 29 मई को भेजा गया है, में बाहर से लौटे बिहार के अप्रवासी मजदूरों को विधि व्यवस्था के लिए खतरा बताना और उन पर क्राइम बढ़ाने को लेकर आशंका जताए जाने पर जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के युवा प्रदेश प्रवक्ता रजनीश कुमार तिवारी ने बयान जारी कर कहा है कि यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि एडीजी मुख्यालय के इस पत्र में बिहार के अप्रवासी मजदूर, जो बिहार के नागरिक हैं, देश के विकास के लिए अन्य राज्यों में मेहनत मजदूरी कर अपना भरण-पोषण करते हैं, उन पर अपराध और विधि व्यवस्था भंग करने को लेकर आशंका जताया जा रहा है। उन्हें लूटपाट और संगीन अपराधिक घटनाओं में आने वाले समय में संलिप्तता बताना यह बेहद ही दुख की बात है। इस पत्र को राजनीति से प्रेरित होकर और सरकार के इशारे पर जारी किया गया है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार के इरादे कमजोर और अप्रवासी मजदूरों के हित में ठीक नहीं हैं, वह उन्हें बिहार के लिए बोझ मानते हैं और अपनी नाकामियों को छुपाने हेतु इस तरह के पत्र को जारी किया गया है। रजनीश ने आगे कहा कि इस पत्र की जानकारी पूरी बिहार सरकार को थी, पर किसी अधिकारी एवं सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जन अधिकार पार्टी इस पत्र की कड़ी निंदा करती है और सरकार से मांग करती है कि इस पत्र का स्पष्टीकरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद आकर दें एवं सभी लौटे प्रवासी मजदूरों की रोजगार को सुनिश्चित करें।
