प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी में 12 नवंबर को धनतेरस, राशि के अनुसार करें खरीदारी, होगी भाग्य में वृद्धि

पटना। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी दिन गुरुवार (12 नवंबर) को प्रीति योग में धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन संध्या 06:32 बजे के बाद त्रयोदशी तिथि आरंभ होगा। शास्त्रीय मत्तानुसार प्रदोष काल में त्रयोदशी होने के कारण धनतेरस का पर्व, खरीदारी, पूजा-पाठ इसी दिन किया जाएगा। त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर की संध्या 06:32 बजे से 13 को शाम 04:12 बजे तक रहेगा। समुद्र मंथन के समय इस धनत्रोयदशी के दिन ही भगवान धनवंती ने रोगास्थ प्राणियों के लिए अमृत कलश लिए समुद्र से उत्पन्न आयुर्वेद विद्या का प्रसाद दिया। भगवान धन्वंतरि ने कठिन तपश्चर्जा, अविरस्थ साधना और गंभीर अन्वेषणापूर्ण अनुभूतिभर धन जो सभी धनों का तेरह गुना ज्यादा है। इसी से इस दिन बर्तन, सोना, चांदी आदि खरीदने की परंपरा है। इस दिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है।
यम दीप दान से अप मृत्यु से मुक्ति
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से दीपोत्सव का पंच दिवसीय पर्व व धन की देवी के उत्सव आरंभ हो जाएगा। इस दिन प्रदोषकाल में यम को तिल तेल का दीपक घर के बाहर दक्षिण मुख दिखने से काल-संकट, रोग, शोक, भय, दुर्घटना, अकाल या अप मृत्यु से बचा जा सकता है। पंडित झा ने मान्यताओं के हवाले से कहा कि समुद्र मंथन के समय कलश के साथ भगवान धनवंती का अवतरण हुआ, उसी प्रतीक में ऐश्वर्य, धन, सौभाग्य, सुख आदि वृद्धि के लिए बर्तन खरीदने की परंपरा है। इस वर्ष इस दिन प्रदोष व्रत होने से यह और भी उत्तम हो गया है।
खरीदारी से धन में होगी 13 गुना वृद्धि
पंडित झा ने धार्मिक मान्यताओं के आधार पर बताया कि धनतेरस के पावन दिवस पर शुभ बेला या मुहूर्त में पंच द्रव्य आदि की खरीदारी करने से धन में तेरह गुना वृद्धि होती है। धनतेरस के दिन सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए भगवान धन्वंतरि का पूजन कर संध्या काल में घर के मुख्य द्वार पर तेल का दीप प्रज्जवलित करेंगे। इस दिन लोग सोना, चांदी, पीतल, तांबा या स्टील आदि की अपने सामर्थ्य के अनुसार वस्तुएं खरीदते हैं।
स्वास्थ्य कामना के लिए होगी धनवंतरी की पूजा
धनतेरस पर माता लक्ष्मी के अलावा धनवंतरी, कुबेर की पूजा होती है। भगवान धनवंतरी इसी तिथि को समुद्र मंथन से अवतरित हुए थे। उसी समय से लोग इस दिन नए बर्तन खरीदकर उसमें क्षीर पकवान रखकर भगवान धनवंतरी को भोग लगाते हैं और उस प्रसाद को ग्रहण करने से निरोग काया तथा स्वास्थ्य लाभ मिलता है। पंडित झा ने कहा कि इन पांचों दिन पांच-पांच दीप जलाने से पांचों देवताओं (गणेश, लक्ष्मी, ब्रह्मा, विष्णु व महेश) की कृपा मिलती है। धनतेरस के अगले दिन छोटी दिवाली, हनुमान जयंती और उसके अगले दिन दीपावली, फिर गोवर्द्धन पूजा तथा पांचवे दिन भैयादूज मनायी जाएगी।
इस दिन लक्ष्मी पूजा एवं खरीदारी शुभ
पंडित झा के अनुसार धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी की पूजा या खरीदारी करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। सालांतर में इसकी महत्व तेरह गुना बढ़ जाती है। इस दिन झाड़ू खरीदने की अनोखी परम्परा है। मान्यता है कि इस दिन झाड़ू खरीदने से दरिद्रता दूर होती है। धनतेरस के दिन लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, सोना, चांदी, रत्न, जेवरात, वाहन, भूमि, घर में इस्तेमाल आने वाली वस्तुओं की खरीदारी की जाती है।
राशि के अनुसार करें खरीदारी, होगी भाग्य में वृद्धि
मेष राशि : चांदी या तांबा के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान
वृष राशि : चाँदी या तांबे के बर्तन, वस्त्र, श्रृंगार की सामग्री, कलश
मिथुन राशि : स्वर्ण आभूषण, स्टील के बर्तन, हरे रंग के घरलू सामान, पर्दा
कर्क राशि : चांदी के आभूषण या पायल, बर्तन, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान
सिंह राशि : तांबे के बर्तन या कलश, वस्त्र, सोना
कन्या राशि : गणेश की मूर्ति, सोना या चांदी के आभूषण, कलश
तुला राशि : वस्त्र, सौंदर्य सामान या सजावटी सामान, चांदी या स्टील के बर्तन
वृश्चिक राशि : इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सोने के आभूषण, बर्तन, तांबा या मिट्टी का गमला
धनु राशि : स्वर्ण आभूषण, तांबे या स्टील बर्तन
मकर राशि : वस्त्र ,वाहन, चांदी के बर्तन या आभूषण
कुम्भ राशि : सौंन्दर्य के सामान, स्वर्ण, ताम्र पात्र, जूता-चप्पल
मीन राशि : स्वर्ण आभूषण, चांदी या पीतल के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

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