पप्पू यादव बोले, उत्पाद मंत्री जहरीली शराब से होनी वाली मौतों के लिए जिम्मेदारी कब लेंगे?

  • शराब तस्करों को 6 महीने में स्पीडी ट्रायल कर आजीवन कारावास की सजा दी जाए
  • शराबबंदी पर मुख्यमंत्री की इच्छाशक्ति हो चुकी है कमजोर

पटना। बिहार के हर पंचायत में शराब बनाने की भट्टी चल रही है। हर रोज जहरीली शराब से मौत की खबरें सामने आ रही है। बीते कल भी मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में जहरीली शराब से चार लोगों की मौत हुई। लेकिन दो लोगों के नाम दबा दिए गए और दु:खद तो यह है कि मृतक की पत्नी पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया। हमारी मांग है कि शराब तस्करों को 6 महीने में स्पीडी ट्रायल कर आजीवन कारावास या फांसी की सजा दी जाए। उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सासंद पप्पू यादव ने पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में कही।
श्री यादव ने आगे कहा कि हमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नियत पर शक नहीं है लेकिन उनकी इच्छाशक्ति को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। उनका मत्रिमंडल और प्रशासन उनके हाथ से निकल गया है। सभी नेताओं और पुलिस वालों का ब्लड टेस्ट होना चाहिए। इससे पता चल जाएगा कि थाना में पुलिस वाले रोज शराब पीते हैं या नहीं? मैं इसकी जांच चाहता हूं। शराब किनके संरक्षण में बिक रहा है, इसका पता लगाने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता खुद आगे आकर अपना टेस्ट कराएं।
जहरीली शराब से होनी वाली मौतों के लिए जिम्मेदारी तय करने की मांग करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि उत्पाद मंत्री इसकी जिम्मेदारी कब लेंगे? कब एसपी, डीएसपी और दूसरे बड़े पदाधिकारियों को सस्पेंड किया जाएगा? पटना के दीदारगंज में पिछले एक महीने में 5 करोड़ रुपए की शराब जब्त की गयी है। विधानसभा, विधायकों के आवास, पुलिस हेडक्वार्टर के आसपास शराब मिल रही है। तस्करी से युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो रही है। इससे बड़ा अभिशाप किसी राज्य के लिए नहीं हो सकता है। क्या नीतीश कुमार कोई तारीख बताएंगे कि इस तारीख के बाद शराब की तस्करी बंद हो जाएगी? हम एक डेडलाइन चाहते है और यदि डेडलाइन के बाद भी शराब मिलती है तो पूरा मंत्रिमंडल इस्तीफा दे।
जाप अध्यक्ष ने आगे कहा कि शराबबंदी से पहले राज्य को शराब से साढ़े पांच हजार करोड़ की आय होती थी लेकिन अब पांच वर्षों में शराब तस्करी का व्यापर 50 हजार करोड़ रुपए का हो गया है। मुख्यमंत्री अड़े हुए हैं कि शराबबंदी को रिव्यू नहीं करेंगे। क्या ऐसा नहीं हो सकता कि शराब पर 100 फीसदी का टैक्स लगा दिया जाए और जिले में पांच एवं अनुमंडल पर एक शराब की दुकान खुले?
अंत में पप्पू यादव ने कहा कि क्या वर्तमान सरकार को यह पता नहीं है कि जिले में किसके पैसे से शराब बेची जा रही है? सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों का पैसा इसमें लगा हुआ है। पूरा सदन इस पर मौन है। नेपाल, झारखंड और उत्तर प्रदेश सीमा माफियाओं का अड्डा बन चुका है।

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