पटना से युवक को अगवा कर दोस्तों ने गोली मारकर की हत्या, पिता के रिटायरमेंट में मिले रुपयों पर थी नजर
पटना। राजधानी पटना के शास्त्रीगनर थाना क्षेत्र के पुनाईचक से बीते 30 जनवरी की शाम दोस्तों के कहने पर उनके साथ सोनपुर घूमने निकला बीए का छात्र रामबाबू प्रसाद की अगवा करने के बाद हत्या किए जाने की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस मामले को जानेंगे तो आप भी हैरान रह जाएंगे। दोस्त के लिए लोग क्या-क्या करने को तैयार नहीं रहते हैं, लेकिन इस मामले में दोस्त ही दुश्मन बन बैठा और पांच दोस्तों ने मिलकर दोस्त की हत्या कर दी। 30 जनवरी की रात ही दोस्तों ने रामबाबू की वैशाली जिले के लालगंज में हत्या कर दी गई थी। 31 जनवरी की शाम बेतिया के रास्ते में गोविंदपुर नहर के पास हरसिद्धि पुलिस ने लाश बरामद भी की थी। सिर और आंख पर ताजा चोट के निशान के अलावा पहचान नहीं थी, इसलिए 72 घंटे के बाद शव को लावारिस मानकर दफन कर दिया गया। जब पुलिस ने रामबाबू को साथ ले जाने वाले दोस्त नवनीत पर दबिश बढ़ाई तो 12 दिन बाद मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने बेतिया के मूल निवासी नवनीत के अलावा उसके साथी रुपेश और गोलू को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में मधुबनी के पंडौल का चंदन और गोविंदापुर के बिट्टू तिवारी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
कार में मिले खून के धब्बे
30 जनवरी की शाम में ही रामबाबू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोली सिर के दाहिने साइड में कनपटी पर मारी गई, जो आंख भेदती हुई बाहर निकल गई। मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। नवनीत ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अपनी हुंडई एसेंट कार के अंदर अंजाम दिया। उस वक्त यह सभी वैशाली जिले के लालगंज के पास थे। इसके बाद बेतिया जाने के रास्ते में हरसिद्धी थाने के गोविंदापुर के वृति गांव के पास रामबाबू की लाश को नहर में फेंक दिया था। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए नवनीत की कार को बरामद कर लिया। एफएसएल की जांच के दौरान कार के अंदर खून के धब्बे भी मिले। पुलिस के पास एक पुख्ता सबूत के तौर पर हाजीपुर में एक मस्जिद के पास का लगा सीसीटीवी कैमरे का फुटेज है, जिसमें कार से जाते हुए सभी लोग दिखे हैं। जबकि, पकड़े जाने पर शातिर नवनीत पुलिस को बरगला रहा था। वह बार-बार कह रहा था कि उसने रामबाबू को नहीं मारा है। उसने तो उसे हाजीपुर में मस्जिद के पास उसी दिन छोड़ दिया था। पर फुटेज मिलने पर पूरी असलियत सामने आ गई।
मृतक के पिता के रिटायरमेंट में मिले रुपयों पर थी नजर
पटना के पुनाईचक के पत्थर गली में रामबाबू का परिवार किराए के एक मकान में पिछले 6 सालों से रह रहा है। पिता सहदेव प्रसाद होमगार्ड के जवान थे, जो हाल ही में रिटायर हो चुके हैं। घर में मां के अलावा छोटा भाई श्याम है, जो इस बार दसवीं की परीक्षा देने वाला है। वैसे यह परिवार मूल रूप से मधुबनी जिले के पंडौल का रहने वाला है। मूल रूप से बेतिया का रहने वाला आरोपी नवनीत का परिवार भी पुनाईचक इलाके में पोस्ट आॅफिस के पास किराए पर रहता है। नवनीत के पिता ट्रैफिक पुलिस में सिपाही हैं। रामबाबू और नवनीत की दोस्ती थी। मगर, पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि नवनीत की नजर सहदेव प्रसाद को रिटायरमेंट में मिले रुपयों पर थी। इसी वजह से उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसे घुमाने के बहाने अगवा किया। जब उसे लगा कि उसकी पहचान उजागर हो जाएगी, रामबाबू सबकुछ बता देगा तो गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई।


